स्वास्थ्य/चिकित्सा: अयंगर ने योग के नाम किया जीवन, 90 की उम्र में बेल्जियम की रानी एलिजाबेथ को सिखाया शीर्षासन
"सुबह हो या शाम रोज कीजिए योग निकट नहीं आएगा कभी भी कोई रोग’" इन पंक्तियों को योग गुरु कृष्णमचारी सुंदरराज अयंगर ने चरितार्थ कर दिखाया था। आज ही के दिन 2014 में योग गुरु ने दुनिया को अलविदा कहा था।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। "सुबह हो या शाम रोज कीजिए योग निकट नहीं आएगा कभी भी कोई रोग’" इन पंक्तियों को योग गुरु कृष्णमचारी सुंदरराज अयंगर ने चरितार्थ कर दिखाया था। आज ही के दिन 2014 में योग गुरु ने दुनिया को अलविदा कहा था।
14 दिसंबर, 1918 को वेल्लूर के एक गरीब परिवार में जन्मे अयंगर दुनियाभर में सबसे ज्यादा जीवित रहने वाले योग गुरु थे। जिस उम्र में लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं उस उम्र (90 साल) में उन्होंने 80 साल की बेल्जियम की रानी एलिजाबेथ को शीर्षासन करवाया था।
दुनियाभर में बी.के.एस अयंगर को गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है। इनके देश और विदेश में सैंकड़ों फॉलोअर्स हैं। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने योग के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। 90 साल के थे लेकिन योग के प्रति अपना प्यार कभी कम नहीं होने दिया। दुनिया उनके सामने सिर झुकाती है। जब वो थे तब भी और अब जब वो नहीं हैं तब भी। एक कहानी है जो उनकी लोकप्रियता का बखान करती है। वो बेल्जियम की रानी से जुड़ी है!
1950 में जब उन्होंने बेल्जियम की क्वीन मदर, क्वीन एलिजाबेथ को योग सिखाया तब वह 80 साल की थीं। वह योग गुरु से इतनी खुश हुई कि उन्होंने उन्हें उपहार में अपने हाथों से बनी मूर्ति दी।
उनकी सबसे खास बात ये थी कि वह 90 वर्ष की आयु में भी दिन में 3 घंटे आसन किया करते थे। इसके साथ ही वो प्राणायाम भी करना नहीं भूलते थे। उनकी बड़ी उपलब्धि में दिव्यांगों के लिए तैयार किए गए कुछ आसन भी हैं।
योग गुरु बीकेएस अयंगर को 'अयंगर योग' का जन्मदाता माना जाता है। वह 200 से ज्यादा क्लासिकल योगासन और 14 प्रकार के प्राणायाम कर लेते थे। सवाल यही उठता है कि आखिर उन्हें प्रेरणा कहां से और कैसे मिली?
बी.के.एस अयंगर अपने माता पिता की 11वी संतान थे। वह बचपन से ही कई तरह की बीमारियों से घिरे हुए थे। ऐसे में डॉक्टर ने उन्हें योग करने की सलाह दी। बस इसी दिन से योग गुरु ने योग को अपने जीवन में आत्मसात कर लिया। बड़े हुए तो पूरी तरह रम गए। उन्होंने लोगों को योग का प्रशिक्षण देना शुरू किया।1937 में पुणे के डेक्कन जिमखाना में लोगों को योग की ट्रेनिंग देना शुरु किया। योग गुरु 9 जून 1943 को राममणि संग विवाह बंधन में बंधे। इनकी पांच बेटियां और एक बेटा है।
सचिन तेंदुलकर से लेकर जय प्रकाश नारायण तक न जाने कितने बड़े नामों ने गुरु अयंगर का लोहा माना। उनसे योग सीख अपने जीवन को संयमित किया। इनमें प्रो. देवधर, मार्टिन क्रो, अच्युत पटवर्धन, आचार्य अत्रे, एल्डस हक्सले, अनिल कुंबले, श्रीनाथ, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, लाला अमरनाथ, दिलीप वेंगसरकर, जे कृष्णमूर्ति जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
योग गुरु को 1991 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2014 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपना जीवन योग को समर्पित करने के बाद अयंगर का 96 साल की उम्र में पुणे में निधन हो गया।
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