शिक्षा: सर्वोच्च संस्थानों में शुमार आईआईटी ने शुरू कराई हिंदी में बीटेक की पढ़ाई

देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान 'आईआईटी' एक ओर जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के शीर्ष संस्थाओं के साथ साझी रिसर्च और पाठ्यक्रम डिजाइन कर रहे हैं। वहीं, अब आईआईटी ने हिंदी भाषा में भी अपने पाठ्यक्रम पेश किए हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 10:14 GMT

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान 'आईआईटी' एक ओर जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के शीर्ष संस्थाओं के साथ साझी रिसर्च और पाठ्यक्रम डिजाइन कर रहे हैं। वहीं, अब आईआईटी ने हिंदी भाषा में भी अपने पाठ्यक्रम पेश किए हैं।

इसी क्रम में आईआईटी जोधपुर ने बीटेक फर्स्ट ईयर के लिए हिंदी भाषा में पाठ्यक्रम लाने का फैसला किया है। यह पाठ्यक्रम अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी उपलब्ध होगा।

शिक्षाविदों के मुताबिक भाषाई तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बड़ी पहल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आईएएनएस को इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी जोधपुर इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बीटेक. प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम पेश करेगा। यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई है कि सभी छात्र उस भाषा में प्रभावी ढंग से सीख सकें, जिसमें वे सबसे अधिक सहज हों।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' भी क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश करती है। आईआईटी जोधपुर के इस बीटेक फर्स्ट ईयर पाठ्यक्रम पर शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्थिरता और गुणवत्ता बनाए रखते हुए दोनों अनुभागों को एक ही प्रशिक्षक पढ़ाएंगे। यह आईआईटी जोधपुर में अधिक समावेशी और सहायक शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डिजिटल मानविकी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एंड एप्लीकेशन, क्वांटम सूचना और संगणना रोबोटिक्स और गतिशीलता प्रणाली, स्मार्ट हेल्थकेयर, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे आधुनिक एवं महत्वपूर्ण विषय आईआईटी जोधपुर के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। ऐसे में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा मिलने पर भविष्य में इन पाठ्यक्रमों को भी छात्रों के व्यापक समूह तक विस्तारित किया जा सकता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बहुभाषी व भविष्य से जुड़ी शिक्षा पर जोर दिया। मंगलवार को उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों से जुड़ी, भविष्यवादी, बहुभाषी और 21वीं सदी की शिक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। राज्यों और केंद्र दोनों को शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ सभी सर्वोत्तम प्रथाओं को दोहराने और बढ़ाने के लिए एक टीम के रूप में काम करना होगा। उन्होंने यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में कही।

गौरतलब है कि वर्तमान में आईआईटी जोधपुर ने यूजी, पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों में 4,500 से अधिक छात्र हैं। आईआईटी जोधपुर ने एक आईआईटी के तौर पर कई आधुनिक तकनीक और समाधान भी विकसित किए हैं। हाल ही में इस आईआईटी के शोधकर्ताओं ने पौधे-आधारित बायोमास से बने बायो-जेट-ईंधन बनाने का नया तरीका विकसित किया था।

आईआईटी के शोधकर्ताओं ने प्रचुर मात्रा में उपलब्ध लोहा आधारित उत्प्रेरक (एफइ, सिलिका-एल्यूमिना) को विकसित किया है। इसकी सहायता से विभिन्न गैर-खाद्य तेलों और बायोमास वेस्ट का उपयोग करते हुए जेट ईंधन निर्माण प्रक्रिया को लाभदायक बनाने का प्रयास किया है। आईआईटी के मुताबिक यह दशकों से उपयोग हो रहे महंगे हवाई ईंधन का विकल्प विकसित करने में सहायक होगा। यह सस्ते और स्वच्छ ईंधन का एक घटक है जो ऊर्जा के क्षेत्र को बदल सकता है।

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