पर्यावरण: तेलंगाना हैदराबाद में 'हाइड्रा' ने 43 एकड़ अतिक्रमित भूमि कराई मुक्त

तेलंगाना सरकार द्वारा नवगठित हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया एवं संपत्ति निगरानी तथा संरक्षण प्राधिकरण (हाइड्रा) ने अपनी 43 एकड़ अतिक्रमित भूमि मुक्त करा ली है। ये भूखंड राज्य के विभिन्न दलों के राजनेताओं, वीआईपी और रियल एस्टेट डेवलपरों के पास थे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-25 14:18 GMT

हैदराबाद, 25 अगस्त (आईएएनएस)। तेलंगाना सरकार द्वारा नवगठित हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया एवं संपत्ति निगरानी तथा संरक्षण प्राधिकरण (हाइड्रा) ने अपनी 43 एकड़ अतिक्रमित भूमि मुक्त करा ली है। ये भूखंड राज्य के विभिन्न दलों के राजनेताओं, वीआईपी और रियल एस्टेट डेवलपरों के पास थे।

पिछले एक महीने के दौरान, प्राधिकरण ने जल निकायों के बाढ़ टैंक स्तर (एफटीएल) और बफर जोन में भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए 18 स्थानों पर अभियान चलाया। उसने सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में पुनः अपने कब्जे में लिए गए भूखंडों की सूची दी है। इस सूची में अतिक्रमणकर्ता के तौर पर राजनेताओं और वीआईपी शामिल हैं।

'हाइड्रा' ने कहा कि उसने शनिवार को नागार्जुन के एन-कन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त करके माधापुर में थुम्मिडीकुंटा झील की 4.9 एकड़ भूमि को मुक्त कराया है।

'हाइड्रा' ने 18 अगस्त को कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.एम. पल्लम राजू के भाई पल्लम आनंद और भाजपा नेता सुनील रेड्डी के पास से गांडीपेट झील की 15 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया।

रिपोर्ट के अनुसार, हाइड्रा ने लोटस पॉन्ड के एक पार्क से भी अतिक्रमण हटाया। उसने बताया है कि गोकुल नार्ने ने 0.16 एकड़ पर अतिक्रमण किया था।

प्राधिकरण ने शहर के मध्य में बंजारा हिल्स में एमपी एमएलए कॉलोनी, मिथिला नगर, बीजेआर नगर और हयातनगर तथा गजुलारामरम जैसे बाहरी इलाकों में पार्कों, सड़कों, नालों और झीलों पर किए गए अतिक्रमण भी हटाये।

कांग्रेस सरकार ने हाल ही में आपदा प्रबंधन, संपत्ति संरक्षण और अन्य कार्यों के उद्देश्य से तेलंगाना कोर शहरी क्षेत्र (टीसीयूआर) के लिए हाइड्रा का गठन किया है। इस निकाय को पार्क, लेआउट ओपन स्पेस, खेल के मैदान, झीलों और नालों जैसी सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा का भी काम सौंपा गया है।

आईपीएस अधिकारी ए.वी. रंगनाथ की अध्यक्षता में हाइड्रा पिछले कुछ सप्ताह से जल निकायों की अतिक्रमित भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए शहर और उसके आसपास अवैध संरचनाओं को ध्वस्त कर रहा है।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को घोषणा की कि सरकार यह सोचे बिना कि अतिक्रमणकारियों किस राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है झीलों, तालाबों और अन्य जल निकायों पर किए गए अतिक्रमण को हटाएगी। हाल ही में, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) ने खुलासा किया कि 1979 और 2024 के बीच हैदराबाद में झीलों का क्षेत्रफल 61 प्रतिशत कम हो गया है।

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