राजनीति: हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' का प्रतिफल है मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 300 बेड के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का प्रतिफल हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 11:07 GMT

लखनऊ, 8 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 300 बेड के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का प्रतिफल हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल है।

सीएम योगी ने हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल के निर्माण के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप कपूर और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह गोमती नगर विस्तार के नागरिकों के लिए उपहार है। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार के कार्यों को आगे बढ़ाया गया है। इससे 6.5 लाख से ज्यादा युवाओं को हम नौकरी देने में सक्षम हुए। 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में निवेश के द्वार भी खुल गए हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से पहले उत्तर प्रदेश को लेकर एक नकारात्मक स्थिति थी। नए निवेश आना तो दूर, जो निवेश यहां पहले से थे, वह भी वाइंड-अप करना चाहते थे। उत्तर प्रदेश में अपराध का बोलबाला था, न बेटी सुरक्षित थी और न ही व्यापारी। ऐसे में, हमने जीरो टॉलरेंस नीति लागू की, जिसे आज पूरा देश मॉडल के रूप में स्वीकार करता है। बेहतरीन कानून के राज के लिए यह कदम जरूरी थे और इसी के फलस्वरूप निवेश ने पंख फैलाने शुरू किए।

सीएम योगी ने कहा कि जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो मैंने इन्वेस्टर समिट कराने के लिए सुझाव मांगे, तब मुझे बताया गया कि हम 20,000 करोड़ का निवेश लेकर आएंगे, जो प्रदेश के विकास के लिए नाकाफी होता। इसके बाद हमने प्रयास प्रारंभ किए, जो अब अपना सकारात्मक रंग दिखा रहे हैं। पहले इन्वेस्टर समिट में 4 लाख करोड़ के निवेश से शुरू हुई यात्रा बढ़कर 40 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। ये प्रदेश को 'वन ट्रिलियन डॉलर' की इकोनॉमी बनाने के हमारे लक्ष्य का उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि निवेश के इन आंकड़ों को लोग फेक डाटा मानते थे, इसलिए इसे पब्लिक डोमेन में जारी किया गया। यह सफल मॉडल था। निवेश छोटा हो या बड़ा, वह विकास का द्वार खोलता है। वह युवाओं को रोजगार से जोड़कर नया पंख देता है। अस्पताल सेवा का माध्यम होने के साथ ही आजीविका का माध्यम भी है। पिछले 10 वर्ष के अंदर देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुआ। स्वास्थ्य की सेवा फ्री होनी चाहिए और इसी प्रेरणा से हमने 5 करोड़ 11 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड के जरिए लाभांवित किया। जन आरोग्य योजना से भी हमने लोगों को जोड़ा है।

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