कूटनीति: एसडीजी लक्ष्यों के लिए ग्लोबल साउथ के देशों वित्तीय मदद मुहैया कराई जाए निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि विकासशील देशों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए चार ट्रिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की जरूरत है, और इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुपक्षीय ऋणदाता संस्थानों में संगठनात्मक सुधार की अपील की।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि विकासशील देशों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए चार ट्रिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की जरूरत है, और इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुपक्षीय ऋणदाता संस्थानों में संगठनात्मक सुधार की अपील की।
तीसरे 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन' के वित्त मंत्रियों के सत्र को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह "महत्वपूर्ण है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) से किए गए वित्तपोषण के अनुरोधों को तेजी और तत्परता के साथ पूरा किया जाए। इसके लिए परिचालन स्तर पर सुधार के साथ-साथ वित्त के नए अतिरिक्त स्रोतों की पहचान करने की भी आवश्यकता होगी।"
वित्त मंत्री ने अंकटाड की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि विकासशील देशों को सतत विकास निवेश में चार ट्रिलियन डॉलर के भारी अंतर का सामना करना पड़ रहा है।
अंकटाड ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऋण राहत के महत्व पर भी जोर दिया है, ताकि उन्हें स्वच्छ ऊर्जा खर्च के लिए आवश्यक वित्तीय मदद प्रदान की जा सके और देश की जोखिम रेटिंग को कम करने में मदद मिल सके, जो निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक अनिवार्य पूर्व शर्त है।
भारतीय वित्त मंत्री की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब ग्लोबल साउथ विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय ऋण संस्थानों पर एसडीजी के वित्तपोषण के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में मदद के उपायों के लिए दबाव डाल रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बहुपक्षीय विकास बैंकों को विकास वित्तपोषण के लिए निजी पूंजी के प्रवाह को बेहतर ढंग से प्रोत्साहित करने के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के साथ जुड़ने की आवश्यकता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकासशील दुनिया के ऊंचे ऋण स्तरों के कारण विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए, खासकर कम आय वाले देशों में, उपलब्ध संसाधन सीमित हो गये हैं।
उन्होंने वैश्विक दक्षिण से इस बारे में भी विचार मांगे कि कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए ऋण राहत और तरलता समर्थन के लिए बेहतर प्रक्रियाएं कैसे स्थापित की जाएं।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा 2015 में अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य, कई वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करते हैं, जिनमें गरीबी और भूख का उन्मूलन, और टिकाऊ शहरों तथा समाज का निर्माण सुनिश्चित करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र ने इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 2030 की समयसीमा तय की है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|