स्वास्थ्य/चिकित्सा: ईएसआईसी और आयुष्मान भारत को जोड़ने पर काम कर रही केंद्र सरकार, 14.43 करोड़ लोगों को होगा फायदा
केंद्र सरकार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को जोड़ने पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य एबी-पीएमजेएवाई मेडिकल केयर बेनिफिट्स को 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों को प्रदान करना है। यह जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को जोड़ने पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य एबी-पीएमजेएवाई मेडिकल केयर बेनिफिट्स को 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों को प्रदान करना है। यह जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई।
मंत्रालय ने बताया कि ईएसआईसी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में कार्यबल और उनके आश्रितों तक स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का विस्तार करने पर काम कर रहा है।
मंत्रालय ने कहा, "कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की सुविधाओं से जोड़ने का सीधा फायदा 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को होगा। इससे वे पूरे भारत में गुणवत्ता पूर्ण मेडिकल सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।"
ईएसआईसी के महानिदेशक, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस स्कीम के शुरू होने के बाद ईएसआईसी लाभार्थियों को देश भर में 30,000 से अधिक एबी-पीएमजेएवाई-सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह लाभ "उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा के बिना" प्राप्त किया जा सकता है।
आगे कहा कि यह साझेदारी सभी लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा देगी। ईएसआई लाभार्थियों के इलाज के लिए देश भर के चैरिटेबल हॉस्पिटल को भी सूचीबद्ध किया जाएगा।
वर्तमान में, ईएसआई योजना 165 हॉस्पिटल, 1,590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस (डीसीबीओ) और लगभग 2,900 सूचीबद्ध निजी हॉस्पिटलों के तहत चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है।
पिछले 10 वर्षों में, ईएसआई योजना देश के 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू की गई है। 2014 में यह योजना 393 जिलों में थी।
मंत्रालय ने कहा, "पीएमजेएवाई के साथ ईएसआई योजना को जोड़कर अब चिकित्सा देखभाल की इस व्यवस्था को शेष गैर-कार्यान्वित जिलों तक बढ़ाया जा सकता है।"
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