विज्ञान/प्रौद्योगिकी: यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नई ऊंचाई पर पहुंचा

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मासिक आधार पर 10,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। एनपीसीआई के सीईओ की ओर से यह जानकारी दी गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 08:30 GMT

मुंबई, 7 अगस्त (आईएएनएस)। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मासिक आधार पर 10,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। एनपीसीआई के सीईओ की ओर से यह जानकारी दी गई है।

यूपीआई, भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का हिस्सा है।

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के सीईओ और प्रबंधक निदेशक दिलीप अस्बे के कहा कि यूपीआई के माध्यम से क्रेडिट कार्ड खर्च प्रति माह 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

एनपीसीआई के सीईओ की ओर से बताया गया कि यूपीआई अकाउंट पर क्रेडिट लाइन की सुविधा का लोग काफी इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका आंकड़ा 100 से 200 करोड़ के बीच पहुंच गया है।

उन्होंने आगे कहा कि यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट लाइन यूपीआई की सुविधा 6 बैंकों की ओर से ऑफर की जा रही है। आईसीआईसीआई बैंक इसका नेतृत्व कर रहा है।

एनपीसीआई ने 'क्रेडिट लाइन ऑन यूपीआई' सुविधा पिछले साल शुरू की थी। इसका उद्देश्य लोगों और बिजनेस को छोटे लोन उपलब्ध कराना था।

आईसीआईसीआई बैंक के अलावा एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट लाइन की सुविधा दे रहे हैं।

वहीं, भीम, गूगल पे, पेटीएम, पेजैप, नावी और टाटा न्यू जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

आप रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से लिंक कर आसानी से लेनदेन कर सकते हैं। मौजूदा समय में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 16 बैंक रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई लिंक करने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

यूपीआई लेनदेन जुलाई में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था, जो कि जून में 20.07 लाख करोड़ रुपये था। यूपीआई लेनदेन की संख्या जुलाई में मासिक आधार पर 4 प्रतिशत बढ़कर 14.44 अरब पर पहुंच गई थी, जो कि जून में 13.89 अरब थी।

जुलाई में औसत प्रतिदिन लेनदेन की संख्या 46.6 करोड़ रही है, जो कि जून में 46.3 करोड़ थी। वहीं, प्रतिदिन होने वाले लेनदेन की औसत वैल्यू जुलाई में 66,590 करोड़ रुपये थी। यह दिखाता है कि देश में लोग तेजी के डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं।

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