आपदा: केदारनाथ के हालात पर सीएम धामी ने ली जानकारी, तोसी गांव में फंसे लोगों के लिए टीम रवाना
उत्तराखंड में बीते 31 जुलाई को आफत की बारिश हुई थी जिसमें केदारनाथ धाम में बादल फटने की घटना भी शामिल थी। इसमें केदारनाथ पैदल मार्ग का रास्ता भीमबली के पास लगभग 30 मीटर बह गया। इसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंस गए। उनके रेस्क्यू के लिए शनिवार को भी ऑपरेशन जारी है।
देहरादून/रुद्रप्रयाग, 3 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड में बीते 31 जुलाई को आफत की बारिश हुई थी जिसमें केदारनाथ धाम में बादल फटने की घटना भी शामिल थी। इसमें केदारनाथ पैदल मार्ग का रास्ता भीमबली के पास लगभग 30 मीटर बह गया। इसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंस गए। उनके रेस्क्यू के लिए शनिवार को भी ऑपरेशन जारी है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस लगातार दिन रात यहां फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में लगी हुई है। अभी तक 7000 से ज्यादा श्रद्धालुओं का रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 2 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। एक श्रद्धालु की मौत गुरुवार को हुई थी, जबकि एक की मौत शुक्रवार को हुई। दोनों के शवों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।साथ ही एक घायल श्रद्धालु को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया था, जिसका उपचार चल रहा है।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं। शनिवार को भी मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास से रुद्रप्रयाग जिले के डीएम और पुलिस अधीक्षक से वर्चुअली बात कर आपदा संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य बचाव दलों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्परता से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता प्रदान कर रही है। स्वयं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। और जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। स्थानीय नागरिकों समेत 5000 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वहीं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मुनकटिया से सोनप्रयाग के बीच पहाड़ी मार्ग से एसडीआरएफ टीम द्वारा अभी तक 300 श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराया जा चुका है। रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है।
केदारनाथ धाम में पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण नदी किनारे से अब रेस्क्यू संभव नहीं है। जिसके बाद एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर पहाड़ी मार्ग से नया मार्ग बना कर श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ की टीम सुरक्षित रेस्क्यू करने का काम कर रही है। वहीं अब जानकारी मिली है कि त्रिजुगीनारायण से 3-4 किलोमीटर ऊपर की ओर तोसी गांव में 8 से 10 यात्री फंसे हुए हैं। सूचना मिलने पर एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की एक रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है।
दूसरी तरफ एसडीआरएफ की दूसरी टीम चिड़वासा में निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में रेस्क्यू कार्य कर रही है। एसडीआरएफ की एक अन्य टीम निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच यात्रियों को निकालने में जुटी हुई है। वहीं इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर केंद्र सरकार की भी नजर बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद मुख्यमंत्री धामी से केदारनाथ धाम में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी जानकारी फोन पर ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी के आग्रह पर केंद्र सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए एक एमआई- 17 और चिनूक हेलीकॉप्टर को भेजा है। साथ ही राज्य सरकार के 5 हेलीकॉप्टर भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं जिनकी मदद से यहां फंसे लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उनके गंतव्य स्थान पर भेजा जा रहा है।
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