राजनीति: नीट पेपर लीक केस में सीबीआई ने जारी किया आधिकारिक बयान, साझा की अहम जानकारी
नीट-यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर सीबीआई का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है। इसमें पेपर लीक से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए मीडिया में चल रही अटकलबाजी और झूठी रिपोर्टों का खंडन किया गया है।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। नीट-यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर सीबीआई का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है। इसमें पेपर लीक से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए मीडिया में चल रही अटकलबाजी और झूठी रिपोर्टों का खंडन किया गया है।
सीबीआई ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि नीट-यूजी 2024 का प्रश्न पत्र 5 मई की सुबह हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से पंकज कुमार उर्फ आदित्य उर्फ साहिल नामक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से प्राप्त किया गया था, जो इस मामले के मास्टरमाइंड में से एक है।
प्रश्नपत्र हजारीबाग एनटीए सिटी कोऑर्डिनेटर सह ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और ओएसिस स्कूल के सेंटर सुपरिटेंडेंट सह वाइस प्रिंसिपल की मिलीभगत से चुराया गया था।
नीट-यूजी 2024 प्रश्न पत्रों वाले पेटियों को स्कूल में लाया गया और 5 मई की सुबह नियंत्रण कक्ष में रखा गया। पेटियां आने के कुछ मिनट बाद प्रिंसिपल एवं वाइस प्रिंसिपल ने अनाधिकृत और अवैध तरीके से पंकज को उस कमरे में जाने दिया, जहां पेटियां रखी गई थी। पेटी खोलने और पेटी से प्रश्न पत्रों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए गए अत्याधुनिक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। चोरी किए गए प्रश्नपत्र को उसी दिन हजारीबाग में कुछ सॉल्वरों द्वारा हल किया गया तथा कुछ चयनित छात्रों के साथ साझा किया गया, जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे।
फरार चल रहे पंकज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया। स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल एवं सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। आधे जले हुए प्रश्न पत्रों के कुछ टुकड़ों की मदद से जांच एजेंसी उस निर्धारित नीट परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाई, जहां से प्रश्नपत्र लीक हुए थे।
जिन अभ्यर्थियों को हल प्रश्नपत्र मिला, उनका पता लगाया जा रहा है। सभी हलकर्ता प्रतिष्ठित कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं और उनकी पहचान कर ली गई है। उनमें से अधिकांश को गिरफ्तार कर लिया गया है। षड्यंत्र के तहत इन सॉल्वरों को खास तौर पर हजारीबाग लाया गया था।
आरोपी पंकज ने कुछ अन्य मास्टरमाइंडों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया, जिनकी पहचान कर ली गई है और उनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस समूह को आरोपी व्यक्तियों के एक समूह द्वारा सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की गई थी, जिन्होंने उम्मीदवारों के आवास हेतु स्थानों की व्यवस्था की थी।
आरोपियों का एक अन्य समूह उम्मीदवारों को इकट्ठा करने एवं लाने-ले जाने में संलिप्त था। हल किए गए प्रश्न पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का पता लगाया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सीबीआई ने अब तक 33 जगहों पर छापेमारी की है। इस मामले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 15 को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब तक कई सबूत जुटाए जा चुके हैं। जांच अभी चल रही है।
सीबीआई ने आधिकारिक बयान में आगे कहा कि मीडिया के एक हिस्से में नीट 2024 परीक्षा मामले की सीबीआई जांच के बारे में जो खबरें आई हैं वे अनुमान, गलत सूचना पर आधारित एवं झूठी हैं। यह सुझाव दिया जाता है कि ऐसी रिपोर्टों के प्रकाशन से पूरी तरह बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे गलत सूचना का जाल बनता है। यह न केवल विशेष रूप से सम्मानित पाठकों, दर्शकों के लिए, बल्कि सामान्य रूप से समाज के लिए भी हानिकारक है।
सीबीआई के पास अपने मुख्य सूचना अधिकारी के कार्यालय के माध्यम से जानकारी साझा करने की एक औपचारिक व्यवस्था है और वह जांच के हित और सत्यनिष्ठा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर आवश्यक जानकारी साझा करती है। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि केवल सीबीआई द्वारा अपने आधिकारिक तंत्र के माध्यम से साझा की गई जानकारी पर ही भरोसा किया जाना चाहिए।
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