शिक्षा: नीट प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच का दायरा बिहार से बाहर पहुंचा, कई लोगों की तलाश में जुटी पुलिस
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच तेज कर दी है। परत दर परत हो रहे खुलासे के बाद जांच का दायरा राज्य के बाहर पहुंच चुका है। झारखंड और उत्तर प्रदेश से भी बिहार के गिरोह के तार जुड़ रहे हैं। जांच टीम झारखंड पहुंच भी चुकी है।
पटना, 22 जून (आईएएनएस)। बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच तेज कर दी है। परत दर परत हो रहे खुलासे के बाद जांच का दायरा राज्य के बाहर पहुंच चुका है। झारखंड और उत्तर प्रदेश से भी बिहार के गिरोह के तार जुड़ रहे हैं। जांच टीम झारखंड पहुंच भी चुकी है।
पुलिस के मुताबिक, अब तक जांच के बाद नालंदा जिले के संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया का नाम भी सामने आया है। कहा जा रहा है कि उसने ही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था और फिर परीक्षार्थियों को उसके उत्तर रटाये गए थे। पुलिस उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। संजीव का पुत्र डॉ शिव भी प्रश्न पत्र लीक मामले में फिलहाल जेल में है। शिव शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र लीक मामले का आरोपी है।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस नालंदा जिले के एकंगरसराय से एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस अब इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड की तलाश में जुट गई है जिसने प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे। इसमें संजीव मुखिया का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि किसी प्रोफेसर ने मुखिया को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए थे, हालांकि इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।
इस गिरोह से अब उत्तर प्रदेश और झारखंड से भी तार जुड़ने के सबूत मिले हैं। मामले में गिरफ्तार सिकंदर प्रसाद पहले झारखंड में ही रहता था। आशंका है कि बिहार में झारखंड से ही प्रश्न पत्र पहुंचा है।
पुलिस के मुताबिक, पटना गेस्ट हाउस से ओएमआर शीट और एडमिट कार्ड भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने लोगों से पूछताछ की है। पुलिस मुंगेर में भी इस मामले को लेकर पूछताछ करने पहुंची है।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में पता चला है कि झारखंड के एक शहर में कुछ अभ्यर्थियों को नीट का प्रश्न पत्र देने से पहले सिकंदर के गिरोह के लोगों ने उनके अभिभावकों के साथ एक होटल में बैठक की थी। इस बैठक के दौरान, आरोपियों ने अभ्यर्थियों के अभिभावकों से पैसे की डील की थी। गिरोह के सदस्यों ने एक प्रश्न पत्र के लिए अभ्यर्थियों के अभिभावकों से 40-40 लाख रुपये तक वसूले थे।
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