राजनीति: उत्तर भारत के कई शहरों में भारत बंद का अच्छा खासा असर
एससी, एसटी आरक्षण में उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। एससी, एसटी आरक्षण में उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
बिहार के जहानाबाद में इसका असर सुबह से ही दिखाई देने लगा। यहां के प्रमुख मार्गों, विशेषकर पटना-गया राष्ट्रीय मार्ग के ऊंटा मोड़ के पास बड़ी संख्या में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया। इस जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत बंद समर्थकों ने सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को एक अध्यादेश के माध्यम से रद्द किया जाए।
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भारत बंद का असर अपेक्षाकृत कम देखा गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया है, जिसमें छोटे व्यापारी और अन्य व्यावसायिक संगठन शामिल हैं। चेंबर ने बताया कि व्यापारिक संगठनों की बिना पूर्व सूचना के समर्थन न देने की परंपरा है, जिसके कारण कवर्धा में भारत बंद का प्रभाव सीमित रहा।
रायपुर में बंद की वजह से कई स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई हैं।
इसके अलावा झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों ने बाजारों को बंद करा दिया और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। चाईबासा शहर के तांबो चौक पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पटना में बंद समर्थकों ने महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास सड़क को जाम कर दिया और आगजनी की। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
अलवर में भी भारत बंद का असर देखा गया है। बाजारों में दुकानें बंद हैं और सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं। जिला कलक्टर ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, जबकि पुलिस प्रशासन लगातार राउंड पर है। हालांकि, जिले में शांति का माहौल बना हुआ है।
दरभंगा में भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन का चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना करते हुए इसे अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के खिलाफ एक बड़ी साजिश करार दिया और सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए।
उत्तर प्रदेश के हरदोई में भारत बंद का असर नहीं दिखा। रोजाना की तरह दुकानें खुली रहीं। भारत बंद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। शहर के हर चौराहे पर पुलिस फोर्स तैनात है। अमरोहा में बंद समर्थकों ने हाथों में नीला झंडा और तिरंगा लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
बता दें, उच्चतम न्यायालय में काफी लंबे समय से सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी, एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एक अगस्त को बड़ा फैसला सुनाते हुए अपने ही 2004 के पुराने फैसले को पलट दिया। इसके बाद न्यायालय ने पंजाब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगाकर कोटा के अंदर सब कैटेगरी को मंजूरी दे दी।
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