झारखंड में सियासी जमीन तलाश रहा है जदयू, 21 को रामगढ़ में बड़ी रैली करेंगे नीतीश

रांची, 6 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सरकार की अगुवाई कर रहा जनता दल यूनाइटेड अब झारखंड में भी सियासी जमीन की तलाश में जुटा है। पार्टी की नजर झारखंड में कुर्मी-कोयरी वोटरों पर है। बिहार में इस वोट बैंक पर जदयू की पकड़ मानी जाती है। उसकी कोशिश है झारखंड में उन क्षेत्रों में फोकस रखा जाए, जहां इन दोनों जातियों की खासी आबादी है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 14:09 GMT

रांची, 6 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सरकार की अगुवाई कर रहा जनता दल यूनाइटेड अब झारखंड में भी सियासी जमीन की तलाश में जुटा है। पार्टी की नजर झारखंड में कुर्मी-कोयरी वोटरों पर है। बिहार में इस वोट बैंक पर जदयू की पकड़ मानी जाती है। उसकी कोशिश है झारखंड में उन क्षेत्रों में फोकस रखा जाए, जहां इन दोनों जातियों की खासी आबादी है।

सियासी जमीन के विस्तार के इरादे से पार्टी के सुप्रीमो नीतीश कुमार 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ में बड़ी रैली करेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर शनिवार को जदयू के झारखंड प्रदेश प्रभारी सह बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी रांची पहुंचे।

उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जनसभा की तैयारियों पर चर्चा की। रांची में एक प्रेस कांफ्रेंस में चौधरी ने कहा कि झारखंड में पार्टी के बढ़ने की पूरी संभावना है। हमने पिछले सालों में कुछ गलतियां की है, जिसका नुकसान हुआ है। हम पार्टी की ताकत को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे पास अभी वक्त है।

चौधरी ने कहा यह हमारी अपनी रैली है, पार्टी की रैली है। अगर कोई और राजनीतिक दल आना चाहे तो आ सकता है। यह गठबंधन का नहीं हमारी पार्टी का कार्यक्रम है। हम लोगों को हमेशा यह लगता है कि झारखंड में हमारी पोजिशन अच्छी रही है और हम इसे फिर से वापस हासिल कर सकते हैं।

इंडिया गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे में भी जदयू झारखंड में एक से दो लोकसभा सीटों पर दावेदारी के मूड में है। झारखंड में कुर्मी-कोयरी वोटरों की तादाद करीब 23 फीसदी है।

पार्टी का मानना है कि अगर उनकी गोलबंदी की जाए तो झारखंड में सियासत का एक प्रभावशाली कोण बनाया जा सकता है। इसी इरादे से दो साल पहले नीतीश कुमार ने झारखंड के कद्दावर कुर्मी नेता खीरू महतो को बिहार से राज्यसभा भेजा था और इसके बाद राज्य में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन के विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी थी।

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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