मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने में अकबर की भूमिका और धोनी की प्रेरणा
मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने में अकबर की भूमिका और धोनी की प्रेरणा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूनाइटेड नेशन ने बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया। कूटनीतिक स्तर पर भारत के लिए यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इसी बीच UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के एप्रोच की तारीफ की है। अकबरुद्दीन ने कहा कि मैं धोनी के एप्रोच में यकीन करता हूं और उसका पालन करता हूं। अकबरुद्दीन ने कहा कि मसूद अजहर पर बैन लगाने के लिए लड़ते रहने की हिम्मत इसी वजह से मिल पाई है।
अकबरुद्दीन ने बुधवार को कहा, "मैं एमएस धोनी के दृष्टिकोण में विश्वास करता हूं। आप अगर अपने लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते में अब क्या होगा..अब समय नहीं है, सोचते हैं, तो यह गलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि लक्ष्य को पाने की कोशिश के दौरान आप जितना सोचते हैं, आपके पास समय उससे कहीं ज्यादा होता है। कभी भी ऐसा मत कहिए या सोचिए कि समय खत्म हो गया। कभी भी जल्दी हार मत मानिए।"
अकबरुद्दीन ने कहा कि इसी कोशिश ने सभी सदस्य देशों को एक ही मंच पर लाने के भारत के प्रयासों को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से मसूद अजहर को UN द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर आखिरकार विश्व में सहमति बनी।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने के बाद मसूद अजहर को कई बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। दुनियाभर के देशों में मसूद अजहर की एंट्री पर बैन लग जाएगा। वह किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा।
यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है, क्योंकि 2016 में पठानकोट और 2001 में संसद भवन में हुए हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने का संदेह है। इतना ही नहीं 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी JeM ने ली थी। इस हमले में 40 CRPF जवान शहीद हो गए थे।