कोरोना से हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, हर मौत को मेडिकिल की लापरवाही कहना गलत

Supreme Court Decision कोरोना से हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, हर मौत को मेडिकिल की लापरवाही कहना गलत

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-08 10:15 GMT
कोरोना से हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, हर मौत को मेडिकिल की लापरवाही कहना गलत
हाईलाइट
  • कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही कहना गलत

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना से हुई मौत को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की और कहा है कि हर मौत को मेडिकल लापरवाही नहीं माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के उस मांग को भी ठुकरा दिया गया। जिसमें याचिकाकर्ता ने कोरोना से हुई मौत में मेडिकल लापरवाही को मानते हुए परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी। 


याचिकाकर्ता की दलील 

याचिकाकर्ता दीपक सिंह की दलील थी कि अधिकतर मौतें ऑक्सीजन की कमी या इलाज की जरूरी सुविधा न होने के कारण हुई हैं। स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जताई थी। ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड की कमी की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। लेकिन सरकार ने उचित तैयारी नहीं की थी। 


हर मौत को मेडिकल लापरवाही माना जाए

आज सुप्रीम कोर्ट के वकील श्रीराम परक्कट के ज़रिए दाखिल याचिका में कहा गया था कि अलग-अलग सरकारों और संस्थाओं ने भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति दी थी। चुनाव रैलियों, कुंभ मेला जैसे अयोजनों को होने दिया था। सरकार ने न सिर्फ इलाज के लिए ज़रूरी प्रबंध नहीं किया बल्कि अपनी लापरवाही से कोरोना को निमंत्रण दिया। इसलिए, हर मौत को सरकारी और मेडिकल लापरवाही की तरह देखा जाना चाहिए।

तीन जजों की बेंच ने की सुनवाई

बता दें कि मामला आज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली की बेंच में लगा था। जजों ने हर मृत्यु को मेडिकल लापरवाही मानने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर भविष्य को लेकर उसके कुछ सुझाव हैं, तो वह उन्हें सरकार को सौंप सकता है।


 

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