बसपा प्रमुख ने कांग्रेस को बताया धोखेबाज, गहलोत बोले- मायावती का रिएक्शन स्वाभाविक
बसपा प्रमुख ने कांग्रेस को बताया धोखेबाज, गहलोत बोले- मायावती का रिएक्शन स्वाभाविक
- गहलोत ने मायावती के रिएक्शन को स्वभाविक करार दिया है
- मायावती के कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताने के बाद अशोक गहलोत का बयान सामने आया है
- राजस्थान में बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए है
डिजिटल डेस्क, जयपुर। बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती के कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। गहलोत ने मायावती के रिएक्शन को स्वभाविक करार दिया है। बता दें कि राजस्थान में बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए है जिसके बाद से ही मायवती कांग्रेस पार्टी से बेहद नाराज है।
स्टेबल गवर्नमेंट के लिए विधायकों ने उठाया कदम
अशोक गहलोत ने कहा, "बीएसपी विधायकों ने राज्य में स्टेबल गवर्नमेंट रहे इस सोच के साथ प्रदेश के हित में यह कदम उठाया है, मैं उनका स्वागत करता हूं। हम लोग चुनाव जीत कर आते हैं, पहली सोच यह होनी चाहिए कि स्टेबल गवर्नमेंट कैसे रहे और राज्य प्रगति कैसे करे। इसलिए जो फैसले करते हैं, वह सोच समझकर करते हैं। सभी 6 बीएसपी विधायकों ने एक राय होकर फैसला किया है, हमें इस बात की खुशी है कि उनकी इतनी बड़ी सोच रही कि राज्य में स्टेबल गवर्नमेंट रहे और हम सब मिलकर के राज्य के विकास में भागीदार बनें।"
मायावती का रिएक्शन स्वाभाविक
गहलोत ने कहा, "बसपा प्रमुख मायावती ने जो कहा है, मैं समझता हूं उनका ऐसा रिएक्शन स्वाभाविक है...परंतु उनको यह भी समझना पड़ेगा कि यह सरकार में बैठे हुए लोगों ने मैनेज नहीं किया है, कोई प्रलोभन नहीं दिया है और यह हमारे प्रदेश की खूबी है कि हमने कभी हॉर्स ट्रेडिंग नहीं की है। पहले भी हम लोग सरकार में थे तब भी बीएसपी के 6 लोग ज्वाइन किए थे, आज तक इतिहास में हमने कभी किसी को प्रलोभन नहीं दिया है यह कोई कम बात है क्या?"
मायावती जी ने जो कहा है, मैं समझता हूं उनका ऐसा रिएक्शन स्वाभाविक है...परंतु उनको यह भी समझना पड़ेगा कि यह सरकार में बैठे हुए लोगों ने मैनेज नहीं किया है, कोई प्रलोभन नहीं दिया है और यह हमारे प्रदेश की खूबी है कि हमने कभी हॉर्स ट्रेडिंग नहीं की है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 17, 2019
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विधायकों पर कोई दबाव नहीं बनाया
गहलोत ने कहा, "विधायकों ने राजस्थान की स्थिति देखी, क्षेत्र के लोगों की भावनाएं देखी कि हमें काम करवाने हैं, विकास करवाना है, सरकार के साथ जुड़कर करवा सकते हैं और सरकार भी स्टेबल रहनी चाहिए, यह सोच कर उन्होंने फैसला किया। हमने उन पर कोई दबाव नहीं बनाया। उसके बाद फैसला होना स्वाभाविक फैसला है।
देश के अंदर सब पार्टियों के साथ में जब कभी एलायंस हुआ है तो हम तो उन लोगों में है जो सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी की भावना को समझते हुए, हमेशा मायावती जी के साथ में खड़े मिले हैं।
मायावती ने बताया कांग्रेस को धोखेबाज
इससे पहले मायवती ने ट्वीट कर कहा था कि "राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।" मायावती ने कहा, "इसी कारण अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। यह काफी दुःखद और शर्मनाक है।"
ये विधायक कांग्रेस में हुए शामिल
राजेन्द्र गुढा (विधायक, उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (विधायक, नदबई), वाजिब अली (विधायक, नगर), लाखन सिंह मीणा (विधायक, करोली), संदीप यादव (विधायक, तिजारा) और बसपा विधायक दीपचंद खेरिया ने कांग्रेस की सदस्यता ली है।