इंडो-म्यांमार फ्रेंडशिप ब्रिज हुआ ओपन, आने-जाने वालों को नहीं होगी स्पेशल परमिट की जरुरत
इंडो-म्यांमार फ्रेंडशिप ब्रिज हुआ ओपन, आने-जाने वालों को नहीं होगी स्पेशल परमिट की जरुरत
- इंडिया के शहरों को म्यांमार के शहरों से जोड़ने वाले बहुप्रतिक्षित इंडो म्यांमार फ्रेंडशिप ब्रिज का शुभारंभ।
- ओपनिंग सेसेमनी में भारत के कॉन्सुल जनरल नंदन सिंह भाईसोरा शामिल हुए।
- ये ब्रिज मणिपुर की सीमा से सटे शहर मोरे में है। इंफाल से इसकी दूरी 110 किलोमीटर है।
डिजिटल डेस्क, इंफाल। इंडिया और म्यांमार को एक दूसरे से जोड़ने वाले बहुप्रतिक्षित इंडो-म्यांमार फ्रेंडशिप ब्रिज को म्यांमार सरकार ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर खोल दिया। म्यांमार के तामू में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी ओपनिंग सेरेमनी में म्यांमार के लेबर मिनिस्टर, इमिग्रेशन एवं पॉप्यूलेशन परमानेंट सेक्रेटरी यू आए ल्वीन और भारत के कॉन्सुल जनरल नंदन सिंह भाईसोरा शामिल हुए। भाईसोरा ने कहा, "यह भारत और म्यांमार दोनों के लिए भविष्य में बेहतर द्विपक्षीय संबंध रखने के लिए एक ऐतिहासिक और सकारात्मक शुरुआत है।"
Manipur: Land route between India and Myanmar was officially opened, earlier today, in a ceremony held at Moreh, located in the Tengnoupal district. pic.twitter.com/djJWsTf6Kw
— ANI (@ANI) August 8, 2018
ये ब्रिज मणिपुर की सीमा से सटे शहर मोरे में है। इंफाल से इसकी दूरी 110 किलोमीटर है। सरकार पहले ही मोरे को इमिग्रेशन चेक पॉइंट घोषित कर चुकी है। फ्रेंडशिप ब्रिज के ओपन होने के बाद अब जो भी भारतीय इस रास्ते से म्यांमार जाएगा उसे किसी तरह के स्पेशल परमिट की जरुरत नहीं पड़ेगी। आयुक्त (परिवहन) एम लक्ष्मीकुमार ने कहा कि यात्रियों को वीजा जारी किया जाएगा, बशर्ते उनके पास पासपोर्ट हों। अधिकारी ने कहा कि भारत के कुछ यात्री पहले से ही अवसर का फायदा ले रहे हैं।
इससे पहले, दोनों देशों के नागरिकों को एक दूसरे के क्षेत्र के 16 किमी तक बिना किसी परमिशन के आने जाने की इजाजत थी। जिन्हें 16 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करनी होती थी, उन्हें म्यांमार प्राधिकरण से विशेष परमिट लेना पड़ता था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले महीने 11 मई को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यात्रा के दौरान म्यांमार के ने पाय ताव में दोनों देशों के बीच भूमि सीमा पार करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।