मणिपुर: बीजेपी के सीएम ने ही केन्द्र को दे डाली चेतावनी- बात नहीं सुनी तो दे दूंगा इस्तीफा
मणिपुर: बीजेपी के सीएम ने ही केन्द्र को दे डाली चेतावनी- बात नहीं सुनी तो दे दूंगा इस्तीफा
- बिरेन सिंह ने नगा गुटों और केंद्र सरकार के बीच चल रही वार्ता के किसी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले इस्तीफा देने की धमकी दी है।
- बीरेन सिंह ने कहा कि अगर नागा शांति समझौते के मामले पर हमारी आवाज नहीं सुनी जाती या विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाती तो हमें कड़े फैसले लेने होंगे।
- मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने नगा गुटों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी है।
डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर में बीजेपी के सीएम एन बिरेन सिंह ने अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली है। बिरेन सिंह ने नगा गुटों और केंद्र सरकार के बीच चल रही वार्ता के किसी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले इस्तीफा देने की धमकी दी है। मणिपुर के सीएम ने कहा है कि यदि राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के साथ किसी तरह का समझौता किया जाएगा तो वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। फिर ऐसी परिस्थिति में राज्य में होने वाली प्रतिक्रिया भी नियंत्रण से बाहर होगी।
बीरेन सिंह ने कहा कि अगर नगा शांति समझौते के मामले पर हमारी आवाज नहीं सुनी जाती है तो हमें कड़े फैसले लेने होंगे। सीएम ने कहा, "अगर केंद्र सरकार इस मामले पर हमारी राय नहीं लेती तो हमें खुद ही अपने पदों को छोड़ना पड़ेगा।" इसके बाद उन्होंने राज्य की वर्तमान हालात का हवाला देते हुए राज्य में सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा, "मणिपुर के लोगों का इतिहास और पृष्ठभूमि देखते हुए मौजूदा समय में राज्य की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। अगर वर्तमान में जारी नगा समूहों के साथ शांति वार्ता के चलते राज्य में कुछ भी होता है, तो लोगों की प्रतिक्रिया को रोक पाना असंभव हो जाएगा।"
जानकारी के अनुसार सीएम एन बीरेन सिंह इस समय अपने पूरे कैबिनेट के साथ नगा विद्रोही समूहों के साथ संभावित शांति समझौते पर राज्य के रवैयों को व्यक्त करने के लिए दिल्ली में हैं। बीरेन सिंह ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर गृह मंत्रालय में मुलाकात कर अपने आने का मकसद और क्षेत्रीय एकता से जुड़ी बातों के बारे में अवगत कराया।
सीएम बीरेन ने इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सीएम ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी हमने पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और हमारी क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा कोई भी समझौता करने से इंकार किया था। हमारी आशाएं अभी भी उसी पर बरकरार हैं।
My concern is that Central Govt should formally inform the Manipur assembly and government before taking any decision. Right now I cannot say this(whether solution would be Manipur territorial compromise) will happen.We want to see a peaceful solution: Manipur CM N Biren Singh pic.twitter.com/aTHHMMXwbp
— ANI (@ANI) July 16, 2018
बीरेन सिंह ने कहा, "मेरी चिंता का विषय बस इतना ही है कि केंद्र सरकार कोई भी औपचारिक फैसला लेने से पहले मणिपुर विधानसभा और सरकार को सूचित करे ताकि उसके अनुसार तैयारियां की जा सके। उन्होंने कहा कि अभी मैं यह नहीं कह सकता कि मौजूदा समाधान मणिपुर क्षेत्र के हित में होगा या नहीं। हम इस मुद्दे पर राज्य में एक शांतिपूर्ण समाधान देखना चाहते हैं।
उधर मणिपुर के उग्रवादी गुटों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि शांति समझौते में उनकी क्षेत्रीय अखंडता और प्राधिकार से कोई समझौता किया गया तो वे चुप नहीं बैठेंगे। मणिपुर के सीएम ने भी अपने बयान में इसी खतरे से आगाह किया है।
बता दें कि मणिपुर में बड़ी संख्या में नगा लोग रहते हैं। नगा गुट लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उनके इलाकों को एकीकृत कर दिया जाए। नगा गुट ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहते हैं जिसमें वे मणिपुर के नगा इलाकों को भी शामिल करना चाहते हैं। वहीं नगा उग्रवादी गुटों और केंद्र सरकार के बीच पिछले दो दशक से चल रही वार्ता अब अपने अंतिम दौर में चल रही है। माना जा रहा है कि 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र शुरू होने से पहले दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकता है।