ममता बनर्जी ने की पीएम मोदी से मुलाकात, पश्चिम बंगाल के नाम बदलने का उठाया मुद्दा
ममता बनर्जी ने की पीएम मोदी से मुलाकात, पश्चिम बंगाल के नाम बदलने का उठाया मुद्दा
- इससे पहले 25 मई
- 2018 को विश्व भारती विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में दोनों नेता मिले थे
- ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है
- ममता बनर्जी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल के नाम बदलने का मुद्दा उठाया। इस दौरान ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को मिठाई और कुर्ता दिया।
West Bengal CM @MamataOfficial calls on PM @narendramodi in New Delhi. pic.twitter.com/qxFPXTmezO
— PMO India (@PMOIndia) September 18, 2019
प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि "पश्चिम बंगाल का नाम बदलना उनकी सरकार का प्रमुख एजेंडा है। पीएम मोदी इसे लेकर बातचीत हुई है। उन्होंने इस मामले में सभी संभव मदद का आश्वासन दिया है।" बनर्जी ने कहा कि "प्रधानमंत्री को दुर्गा पूजा के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला ब्लॉक देवो पचामी के उद्घाटन का निमंत्रण भी दिया गया है।"
ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। यहां तक कि दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी नहीं पहुंचीं थी। हाल ही में ममता बनर्जी ने असम एनआरसी को लेकर भी बीजेपी का विरोध किया था। इसके अलावा उन्होंने माओवाद-नक्सलवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई प्रधानमंत्री की बैठक में भी शिरकत नहीं की थी।
दोनों नेताओं ने इससे पहले 25 मई, 2018 को शांतिनिकेतन में आयोजित विश्व भारती विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में मुलाकात की थी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेता, कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के साथ, शारदा चिट फंड घोटाले के मामले में सीबीआई जांच के घेरे में हैं।
शारदा चिटफंड पश्चिम बंगाल का एक बड़ा घोटाला है। शारदा ग्रुप कंपनी की स्थापना 2008 में हुई थी। चार साल में इस कंपनी ने बंगाल, असम और ओडिशा में करीब 300 ऑफिस खोल लिए थे। इस दौरान ग्रुप ने करीब 4 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़) रुपए की कमाई की थी।
यह ग्रुप अप्रैल 2013 में बंद हो गया। शारदा ग्रुप पर आरोप है कि उसने करीब 1.7 मिलियन निवेशकों से पैसे लिए और उन्हें ऑफर दिया कि उनके दिए गए पैसों को 34 गुना कर वापस दिया जाएगा।