शराब कारोबारी पर्दे के पीछे से चीजों को नियंत्रित कर रहे थे : सीबीआई
मनीष सिसोदिया शराब कारोबारी पर्दे के पीछे से चीजों को नियंत्रित कर रहे थे : सीबीआई
- सीबीआई को इस संबंध में गृह मंत्रालय से शिकायत मिली थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की नई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा है कि यह नीति निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से पेश की गई थी।
प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कुछ शराब बैरन के साथ शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ को आरोपी लोक सेवकों के प्रबंधन और डायवर्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सीबीआई को इस संबंध में गृह मंत्रालय से शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली की जीएनसीटीडी की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में अनियमितताएं थीं।
यह आरोप लगाया गया है कि एक मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, और इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू कथित रूप से आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ एल-1 लाइसेंस धारक खुदरा विक्रेताओं को क्रेडिट नोट जारी कर रहे थे, ताकि लोक सेवकों को अनुचित आर्थिक लाभ के रूप में धन का उपयोग किया जा सके।
इसके अलावा, वे अपने रिकॉर्ड को सीधा रखने के लिए अपने खातों की पुस्तकों में झूठी प्रविष्टियां दिखा रहे थे।
बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे सिसोदिया के करीबी सहयोगी थे और शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ को आरोपी लोक सेवकों को प्रबंधित करने और बदलने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सीबीआई के प्राथमिकी के अनुसार, समीर महेंद्रू, एमडी, इंडोस्पिरिट्स ने राधा इंडस्ट्रीज के खाते में 1 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की, जिसे दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित किया जा रहा था। अरुण रामचंद्र पिल्लई विजय नायर के माध्यम से आरोपी लोक सेवकों को आगे संचरण के लिए महेंद्रू से अनुचित आर्थिक लाभ एकत्र करते थे। अर्जुन पांडे नाम के एक व्यक्ति ने एक बार महेंद्रू से नायर की ओर से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी नकद राशि एकत्र की थी।
एक प्रोपराइटरशिप फर्म महादेव लिकर्स को एल-1 लाइसेंस दिया गया था और सनी मारवाह फर्म के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे।
बड़ा दावा यह है कि मारवाह दिवंगत शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के परिवार द्वारा चलाई जा रही कंपनियों में निदेशक भी हैं। मारवाह आरोपी लोक सेवकों के निकट संपर्क में था और नियमित रूप से उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ दे रहा था।
(आईएएनएस)
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