पश्चिम-मध्य, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लू की अधिक संभावना
आईएमडी पश्चिम-मध्य, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लू की अधिक संभावना
- भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से कम होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्च से मई 2022 के लिए अपने मौसमी आउटलुक के हिस्से के रूप में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की संभावना का अनुमान लगाया है। हालांकि, भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से कम होगा और इसलिए, इस क्षेत्र में गर्मी की स्थिति सामान्य से अधिक होने की संभावना नहीं है।
मार्च से मई 2022 के दौरान न्यूनतम तापमान उत्तर-पश्चिमी, पश्चिमी, उत्तरपूर्वी भारत और पूर्वी तट के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि पूर्वी भारत में, पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग से लेकर दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग और प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक और दक्षिणी भाग तक सामान्य तापमान रहने की उम्मीद है।
मार्च 2022 में बारिश के लिए, आईएमडी ने कहा, यह देश भर में औसत, सामान्य होने की संभावना है (लंबी अवधि के औसत का 83-117 प्रतिशत)। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
चूंकि प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति में परिवर्तन भारतीय जलवायु को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। आईएमडी इन महासागर घाटियों पर समुद्री सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करता है। तदनुसार, वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति प्रचलित है। ला नीना के उत्तरी गोलार्ध के वसंत ऋतु के दौरान कमजोर होने और 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान ठंडी ईएनएसओ तटस्थ स्थितियों तक पहुंचने की संभावना है।
2016 से, आईएमडी गर्म और ठंडे दोनों मौसमों के लिए देश भर में उपखंड पैमाने के तापमान के लिए मौसमी पूर्वानुमान आउटलुक जारी किया है। ये भविष्यवाणियां पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की मानसून मिशन परियोजना के तहत विकसित मानसून मिशन कपल्ड फोरकास्टिंग सिस्टम (एमएमसीएफएस) मॉडल पर आधारित हैं। पिछले साल 2021 में, आईएमडी ने देश भर में वर्षा और तापमान के मासिक और मौसमी ²ष्टिकोण जारी करने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। नई रणनीति नव विकसित मल्टी-मॉडल एनसेंबल (एमएमई) आधारित पूर्वानुमान प्रणाली पर आधारित है।
(आईएएनएस)