अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव के प्रभावों को लेकर चिंतित है भारत - विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

द्विपक्षीय वार्ता अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव के प्रभावों को लेकर चिंतित है भारत - विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-21 10:29 GMT
अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव के प्रभावों को लेकर चिंतित है भारत - विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव के प्रभावों को लेकर चिंतित है भारत - हर्षवर्धन श्रृंगला
  • अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे- हर्षवर्धन श्रृंगला
  • प्रधानमंत्री अपने संबोधन में ये ज़िक्र ज़रूर करेंगे की संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म कैसे हो सकता है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेपी मॉर्गन ‘इंडिया इंवेस्टर समिट’ को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला कहा, अफगानिस्तान के पड़ोसी होने के नाते भारत का उस देश में हुए हालिया बदलाव और क्षेत्र पर उसके असर को चिंतित होना स्वाभाविक है। विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी होने के नाते भारत का उस देश में हुए हालिया बदलाव और क्षेत्र पर उसके असर को चिंतित होना स्वाभाविक है।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के प्रयास पर कहा कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में ये ज़िक्र ज़रूर करेंगे की संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म कैसे हो सकता है, इसकी ज़रूरत है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मुद्दों पर ज़रूर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को अपनी द्विपक्षीय बैठक में PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के बीच ग्लोबल पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने, व्यापार, रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करने आदि पर चर्चा होने की उम्मीद है।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी कल अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा आयोजित COVID19 वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की कुछ बड़ी कंपनियों के CEO के साथ बैठक करें। श्रृंगला ने कहा कि 25 सितंबर को प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री सीमा पार आतंकवाद, कोविड और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास, बहुपक्षीय संस्थान में सुधार की ज़रूरत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करेंगे। 

 

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