मानसून सत्र के दौरान हर दिन लगभग 200 किसानों के संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन की योजना, पुलिस के साथ मीटिंग में नहीं बनी सहमति
मानसून सत्र के दौरान हर दिन लगभग 200 किसानों के संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन की योजना, पुलिस के साथ मीटिंग में नहीं बनी सहमति
- केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन
- मानसून सत्र के दौरान हर दिन लगभग 200 किसानों की
- संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मानसून सत्र के दौरान हर दिन लगभग 200 किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक पर किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, "पुलिस से बात हुई। हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। हमें उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी।"
वहीं किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, हमने दिल्ली पुलिस को बताया कि सिंघू बॉर्डर से हर दिन 200 लोग संसद तक मार्च करेंगे। प्रत्येक व्यक्ति के पास पहचान बैज होगा। हम सरकार को प्रदर्शनकारियों की सूची सौंपेंगे। पुलिस ने हमसे प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा, जिसे हमने मना कर दिया।
संसद में किसानों के विरोध के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने अधिकारियों को सात मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक, अगर किसानों का विरोध प्रदर्शन हिंसक होता है तो ये सात मेट्रो स्टेशन बंद भी हो सकते हैं।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली मेट्रो को सूचित किया था कि प्रदर्शनकारी मेट्रो ट्रेनों के माध्यम से संसद तक पहुंच सकते हैं, जिसके बाद डीएमआरसी ने अब अधिकारियों को अलर्ट पर रखने का फैसला किया है। किसानों के विरोध के लिए जिन सात मेट्रो स्टेशनों को बंद किया जा सकता है उनमें जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उद्योग भवन शामिल हैं।
तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में एक ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग को तोड़कर लाल किले तक आ गए थे। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से एक धार्मिक ध्वज फहराया था। बता दें कि देश भर के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं, उनका दावा है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर देगा।