CM नारायणसामी बोले- अपनी सुविधा के मुताबिक पुडुचेरी से बर्ताव करता है केंद्र
CM नारायणसामी बोले- अपनी सुविधा के मुताबिक पुडुचेरी से बर्ताव करता है केंद्र
डिजिटल डेस्क, पुडुचेरी। केंद्र सरकार और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के बीच तकरार जारी है। सीएम नारायणसामी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि "भारत सरकार अपनी सुविधा के मुताबिक हमारे (पुडुचेरी) साथ एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के रूप में व्यवहार करती है। मैं उन्हें कहता भी हूं कि कम से कम हमें ट्रांसजेंडर घोषित कर दिया जाए।" बता दें कि कभी-कभी प्रदेश में अक्सर आदेश को बदलने और योजनाओं को लागू करने को लेकर सीएम नारायणसामी और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच नोकझोंक होती रहती हैं।
#WATCH: Puducherry Chief Minister V. Narayanasamy says," Govt of India whenever it suits them... they treat us for their convenience as a state. I call them atleast declare us as transgenders also. We are neither here nor there. This is our position." pic.twitter.com/7XnnciSZ8J
— ANI (@ANI) November 21, 2019
सीएम नारायणसामी ने पुडुचेरी में चल रही प्रशासनिक समस्याओं को दिल्ली की प्रशासनिक समस्याओं के समान बताया है। उन्होंने कहा कि "पुडुचेरी और दिल्ली दोनों ही मुश्किल स्थिति में हैं, क्योंकि दोनों विधायिका के साथ केंद्र शासित प्रदेश हैं।" साथ ही उन्होंने कहा कि "हम ना ही राज्य में शामिल हैं और ना ही केंद्र शासित प्रदेश में। इस तरह की हमारी स्थिति है।"
पुडुचेरी की असामान्य स्थितियों का जिक्र करते हुए सीएम नारायणसामी ने बताया कि केंद्र सरकार GST जैसे मामलों में हमारे साथ राज्य के रूप में बर्ताव करती है और हमसे हमारा पैसा मांगती है, लेकिन जब विभिन्न योजनाओं पर अमल करने का सवाल आता है, तो हमारे साथ केंद्र शासित के रूप में व्यवहार किया जाने लगता है।
इस दौरान सीएम नारायणसामी ने यह भी कहा कि "मुझे जब भी किरण बेदी द्वारा हमारे फैसलों को इनकार करने से संबंधित फाइलें मिलती हैं, तो मेरा खून खौल जाता है और मैं झुंझला उठता हूं।" बता दें कि इससे पहले भी सीएम नारायणसामी बेदी को तानाशाह बता चुके हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में बेदी की आलोचना करते हुए कहा था कि "किरण बेदी एक तानाशाह के समान कार्य कर रही हैं और वह रिश्ते में जर्मन के तानाशाह हिटलर की बहन लगती हैं। किरण मंत्रिमंडल के प्रत्येक निर्णय में रुकावट पैदा करती हैं।"