मवेशी घोटाला : सीबीआई जांच के दायरे में सुकन्या मंडल का लॉटरी पुरस्कार
पश्चिम बंगाल मवेशी घोटाला : सीबीआई जांच के दायरे में सुकन्या मंडल का लॉटरी पुरस्कार
- इस बीच घटना को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सामने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी सुकन्या मंडल के लॉटरी जीतने के कई मामले सामने आए हैं।
सुकन्या मंडल के बैंक खातों की जांच करते हुए, सीबीआई अधिकारियों ने लॉटरी पुरस्कार के रूप में सुकन्या मंडल के एक बैंक खाते में 50 लाख रुपये के क्रेडिट का पता लगाया है। यह पांचवीं लॉटरी है, जिसकी पुरस्कार राशि सुकन्या मंडल या उनके पिता के खाते में गई।
सीबीआई के अधिकारियों द्वारा खोजे गए रिकॉर्ड के अनुसार, 50 लाख रुपये के पुरस्कार के साथ इस लॉटरी को जनवरी, 2020 में सुकन्या मंडल के खाते में जमा किया गया था। इस जनवरी में, उनके पिता अनुब्रत मंडल ने 1 करोड़ रुपये का लॉटरी पुरस्कार जीता।
इन दोनों के अलावा, सीबीआई ने इससे पहले मंडल और उनकी बेटी के बैंक खातों में जाने वाली लॉटरी पुरस्कार की तीन समान राशि का पता लगाया था। कुल 51 लाख रुपये के दो लॉटरी पुरस्कार दो चरणों में ट्रांसफर किए गए। जिसमें 25 लाख रुपये और 26 लाख रुपये 2018 की अंतिम तिमाही में सुकन्या मंडल के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए। उसके कुछ महीने बाद 2019 में, 10 लाख रुपये का एक और लॉटरी पुरस्कार अनुब्रत मंडल के खाते में ट्रांसफर दिया गया।
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि तीन साल से भी कम समय में इतने सारे लॉटरी पुरस्कार पिता और बेटी के खातों में जमा किए गए।
इस बीच घटना को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने इस मामले का मजाक उड़ाया और दावा किया कि शायद मंडल परिवार के सदस्यों ने किसी ज्योतिषी से परामर्श कर लॉटरी टिकट खरीदे, जो हमेशा सही भविष्यवाणी करते थे।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि यह संयोग की बात नहीं है कि न केवल अनुब्रत मंडल या उनकी बेटी, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के कई अन्य नेता या उनके रिश्तेदार अक्सर लॉटरी पुरस्कार जीत रहे हैं। उन्होंने कहा, वास्तव में, ये बेहिसाब धन को हटाने के तरीके हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने घटना को कमतर आंकते हुए कहा कि कुछ लोगों को नियमित रूप से लॉटरी टिकट खरीदने की आदत होती है, जो भारत में एक कानूनी व्यवसाय है और केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत संचालित होता है।
(आईएएनएस)
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