बार-बार सम्मन टालने पर ईडी ने सुकन्या मंडल के खिलाफ कार्रवाई के दिए संकेत
मवेशी घोटाला बार-बार सम्मन टालने पर ईडी ने सुकन्या मंडल के खिलाफ कार्रवाई के दिए संकेत
- 20 मार्च हमारे लिए उसके पिता के साथ जांच प्रक्रिया शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण है
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकेत दिया है।
सुकन्या मंडल के पहले समन में शामिल नहीं होने के बाद, जिसमें उन्हें 15 मार्च को नई दिल्ली में ईडी के केंद्रीय मुख्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, ईडी ने उन्हें 20 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश देते हुए दूसरा नोटिस भेजा। सूत्रों ने कहा कि, लेकिन उन्होंने अपने वकील के जरिए ईडी को सूचित किया था कि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें सात दिनों की जरूरत होगी।
हालांकि, ईडी ने इस बार उनकी याचिका को खारिज कर दिया है और शुक्रवार को उन्हें जवाबी नोटिस जारी कर जांच की प्रक्रिया में असहयोग के आरोप में सोमवार को उपस्थित रहने या कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि 20 मार्च उनके लिए अनुब्रत मंडल और सुकन्या मंडल से एक साथ पूछताछ करने के अवसर के परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण है, यह देखते हुए कि 21 मार्च नई दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर व्यक्ति को पेश करने की अगली तारीख है।
यह पता चला है कि हालांकि ईडी के वकील एजेंसी के साथ उनकी हिरासत को और बढ़ाने की मांग करेंगे, लेकिन उनके अधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि अदालत इस मामले में याचिका को स्वीकार करेगी या नहीं। अगर अनुब्रत मंडल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है, तो उसकी बेटी के साथ उससे पूछताछ करने का मौका फिलहाल खत्म हो जाएगा। इसलिए, 20 मार्च हमारे लिए उसके पिता के साथ जांच प्रक्रिया शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण है।
ईडी के अधिकारियों ने 14 मार्च को अनुब्रत मंडल के निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष कोठारी को मैराथन पूछताछ के बाद एजेंसी के नई दिल्ली कार्यालय में गिरफ्तार किया था। जांच अधिकारियों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान पूरी तरह से असहयोग करने के बाद कोठारी को गिरफ्तार किया गया था।
ईडी के सूत्रों को संदेह है कि सुकन्या मंडल के बार-बार सम्मन को टालने का प्रयास इस डर से प्रेरित हो सकता है कि कोठारी की तरह उसका भी हश्र हो सकता है।
(आईएएनएस)
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