उपचुनाव: विपक्षियों के भविष्य का फैसला करेंगे उपचुनाव के नतीजे
उपचुनाव: विपक्षियों के भविष्य का फैसला करेंगे उपचुनाव के नतीजे
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। देशभर के विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों के साथ ही उपचुनाव के वोटों की गिनती भी शुरु हो चुकी है। इन सीटों में से करीब 30 सीटें बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास है। वहीं 12 सीटें कांग्रेस और बाकी अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के पास है। बता दें कि उपचुनाव में 57 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर उपचुनाव हुआ था।
बात करें उत्तर प्रदेश की तो 11 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस का भविष्य तय करेंगे। आने वाले परिणाम मिशन 2022 को फतह करने में काफी सहायक हो सकते हैं। राजनीतिज्ञों की माने तो विपक्षी दल नम्बर दो में आगे रहने की लड़ाई लड़ते नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत हार का नहीं है। विपक्ष में नम्बर दो कौन रहेगा। इसके लिए विपक्ष लड़ता नजर आ रहा है।
भाजपा के मुकाबले किसी दल के प्रचार में दम नहीं दिखा है। सत्तापक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह सभी 11 सीटों पर एक बार चुनाव से पहले और एक बार चुनाव के दौरान गए। इसके अलावा हर सीट पर प्रदेश सरकार के एक मंत्री, एक प्रदेश पदाधिकारी और स्थानीय सांसद व विधायकों की लम्बी चौड़ी फौज लगाकर चुनाव को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते रहे।
वहीं पहली बार उपचुनाव में हाथ आजमा रही बसपा ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन एक भी जगह मायावती खुद प्रचार करने नहीं गईं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ट्विटर को छोड़कर मैदान में आने का दम नहीं दिखा सकीं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रचार के अंतिम दिन सिर्फ रामपुर में प्रचार करने गए। विपक्षी दलों ने इन चुनवों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई और महज रस्मआदयगी की। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो ये लोग चुनाव के पहले ही हथियार डाल चुके हों। सपा व बसपा के सामने जीती हुई सीटों पर कब्जा बनाए रखते हुए एक-दो सीटें और जीतकर खुद को साबित करने की चुनौती है।
हलांकि हमीरपुर के चुनाव नतीजों में विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन सपा वहां पर बसपा और कांग्रेस से आगे रही है। विपक्षी खुद को नम्बर दो पर लाने की जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव ने बताया, अभी जिस तरह का माहौल है। भाजपा जिस तरह से लगातार स्टेट दर स्टेट में धीरे-धीरे चुनाव जीत रही है। ऐसे में भाजपा को संशय नहीं है कि उपचुनाव की ज्यादातर सीटें भाजपा के पाले में है। विपक्षी अब नम्बर दो की पोजिशन की लड़ाई लड़ रहा है। विपक्षियों को लगता है कि अगर वह नम्बर दो पर आ जाते हैं तो 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से लोहा ले सकते हैं, इसीलिए विपक्षियों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
हलांकि उपचुनावों में भाजपा का भी रिकर्ड अच्छा नहीं रहा है। चाहे पार्टी विपक्ष में रही हो या सरकार में। अब इस बार भाजपा का पूरा प्रयास है कि वह नौ सीटों को बरकरार रखने के साथ रामपुर और जलालपुर सीट सपा और बसपा से हथिया ले। उपचुनाव में सफलता योगी को भाजपा में और मजबूती देगी।
जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आने हैं उनमें गंगोह, रामपुर, इगलास, लखनऊ कैंट, गोविन्दनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ़, जैदपुर, जलालपुर, बलहा और घोसी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं।
मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 302 विधायक हैं जबकि सपा के 47 विधायक हैं। बसपा के 18, भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के आठ और कांग्रेस के सात विधायक हैं।