बीजेपी-शिवसेना के रिश्ते को मिली नई पहचान, फडणवीस ने कहा दोस्त, राउत ने बताया 'फिल्मी रिश्ता'
बीजेपी-शिवसेना के रिश्ते को मिली नई पहचान, फडणवीस ने कहा दोस्त, राउत ने बताया 'फिल्मी रिश्ता'
- बीजेपी-शिवसेना का रिश्ता क्या कहलाता है?
- बीजेपी-शिवसेना के रिश्ते पर राउत का दिलचस्प बयान
- महाराष्ट्र में बन रहे हैं नए सियासी समीकरण!
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के एक बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में फिर सियासी उथल पुथल काफी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अक्सर उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधते नजर आते थे लेकिन हाल में बीजेपी और शिवसेना की नजदीकियां बढ़ती दिख रही हैं । फडणवीस ने रविवार को यानि 4 जुलाई को ये कहते हुए सबको चौंका दिया है कि शिवसेना उनकी दुश्मन नहीं है लेकिन राजनीति आखाड़े में एक दूसरे की उठापटक चलती रहती है।
बीजेपी और शिवसेना की नजदीकियों की अटकलें इसलिए भी और तेज हो गई हैं कि देवेंद्र फडणवीस से पहले शिवसेना के कुछ नेता गठबंधन की बात कर चुके हैं । और कुछ समय पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी । दोनों की मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। राउत ने बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते की तुलना अभिनेता आमिर खान और किरन राव के रिश्ते से कर दी। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्ते बीजेपी से भारत-पाकिस्तान की तरह नहीं बल्कि आमिर खान और किरन राव की तरह हैं । आपको बता दें आमिर और किरण ने हाल ही में अपने तलाक की घोषणा की है जिसमें दोनों ने कहा कि हमारा बिजनेस साथ रहेगा काम भी साथ करेंगे और पानी फाउंडेशन भी साथ होगा । ऐसे में ये कयास फिर से लगाए जा रहे हैं कि क्या दोनों पार्टियां फिर से एक साथ आने वाली हैं?
We are not India-Pakistan. Look at Aamir Khan and Kiran Rao, it is like them. Our (Shiv Sena, BJP) political ways are different but the friendship will remain intact: Shiv Sena leader Sanjay Raut on BJP"s Devendra Fadnavis" "we are not enemies" remark pic.twitter.com/OUPdztS9Od
— ANI (@ANI) July 5, 2021
राजनीति गलियारों में इस तरह के बयान आने के बाद शिवसेना और बीजेपी की नजदीकियां साफ नजर आ रही हैं लेकिन महा विकास अघाड़ी के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो सकती है। वहीं कुछ समय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी काफी सक्रिय हैं। उनकी भी लगातार दूसरे दलों के नेताओं के साथ अहम बैठकें जारी हैं। लेकिन ये कह पाना अभी मुश्किल है कि महाराष्ट्र की राजनीति क्या नया रूख लेगी।