अभिषेक बनर्जी की रिश्तेदार मेनका गंभीर को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका, अवमानना याचिका पर राहत नहीं
कोलकाता अभिषेक बनर्जी की रिश्तेदार मेनका गंभीर को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका, अवमानना याचिका पर राहत नहीं
- कलकत्ता हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया
डिजिटल डेस्क,कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की रिश्तेदार मेनका गंभीर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब मेनका गंभीर की अवमानना याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, मेनका गंभीर ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की थी। जिस पर शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष दायर अपनी याचिका में, मेनका गंभीर ने आरोप लगाया कि ईडी ने, 10 सितंबर की रात को उसे बैंकॉक की यात्रा करने से रोककर, उसी पीठ के पहले के आदेश का उल्लंघन करके अदालत की अवमानना की। यहां आपको बता दें कि, न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने 30 अगस्त को केंद्रीय एजेंसी को निर्देश दिया था कि वह मेनका गंभीर से कोलकाता में अपने क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ करे और सुनवाई की अगली तारीख तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए। यात्रा पर जाने से रोके जाने पर मेनका गंभीर गुस्सा हो गईं और अदालत की अवमानना की याचिका दायर कर दी थी।
हालांकि, न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने गंभीर के वकील के तर्क को यह कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि, उनकी बैंकॉक यात्रा पर रोक असुविधा का विषय हो सकता है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में ये एक मजबूत कार्रवाई नहीं थी। इसके बाद न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और कहा कि कोई भी आदेश मामले में शामिल केंद्रीय एजेंसियों को सुनने के बाद ही पारित किया जाएगा। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि, इसका मतलब यह है कि केंद्रीय एजेंसी की अनुमति के बिना उनकी विदेश यात्रा पर रोक तब तक बनी रहती है जब तक कि मामले में अगले आदेश पारित नहीं हो जाते।
गंभीर के वकील शप्तांगशु बसु ने अदालत को बताया कि उसके मुवक्किल की बीमार मां बैंकॉक में रहती है इसलिए उसे वहां जाना पड़ सकता है। हालांकि, ईडी के वकील बिलवदल भट्टाचार्य ने पीठ को सूचित किया कि मेनका गंभीर को समन केंद्रीय राजस्व सचिव द्वारा भेजा गया है और उन्हें पीठ के समक्ष अपना मामला विस्तार से पेश करने के लिए और समय चाहिए। अब मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को तय की गई है।
(आईएएनएस)।
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