अगले महीने 13 जुलाई को होगी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग!, क्या 35 साल पहले की तरह फिर से फेल होगा इसरो का मिशन?
- जुलाई और अगस्त महीने में एजेंसी को मिली सबसे कम सक्सेस
- 35 साल पहले 13 जुलाई को ही फेल हुई थी इसरो की लॉन्चिंग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुनिया की नंबर-1 स्पेस एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानि इसरो ने अब तक 34 देशों के कुल 424 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है। इसरो भले ही कमर्शियल लॉन्चिंग का बादशाह है, लेकिन बावजूद इसके उसकी हर लॉन्चिंग सफल नहीं होती है। इसी तरह अब इसरो ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए एक ऐसा समय चुना है, जो उसके लिए सफलता की गारंटी नहीं देता।
अगले महीने 13 तारीख को लॉन्च होगा चंद्रयान-3
इसरो ने अपनी तीसरी चंद्रयान लॉन्चिंग के लिए अगले महीने 12 जुलाई से 19 जुलाई के बीच की विंडो चुनी है। जिसमें 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे लॉन्चिंग होने की संभावना है। लेकिन इसरो का इतिहास देखा जाए तो सैटेलाइट लॉन्च करने की यह तारीख एजेंसी को सफलता नहीं दिलाती है क्योंकि 35 साल पहले जब 13 जुलाई को इसरो ने SROSS निगरानी सैटेलाइट को ASLV-D2 से लॉन्च किया था, तब वह फेल हो गई थी।
जुलाई और अगस्त का महीना नहीं रहा है खास
इसरो के लिए ना सिर्फ 13 जुलाई की तारीख बल्कि जुलाई और अगस्त का पूरा महीना ही विफलताओं से भरा रहा है। साल 1975 से लेकर अब तक एजेंसी ने जुलाई में 11 लॉन्चिंग और अगस्त में 8 लॉन्चिंग की हैं। इस दौरान दोनों ही महीनों में तीन-तीन लॉन्चिंग विफल रही हैं। इसका मतलब एजेंसी के लिए जुलाई के महीने में सक्सेस रेट 72.72 प्रतिशत और अगस्त महीने में केवल 62.5 प्रतिशत का रहता है। अब देखना होगा कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में एजेंसी सफल हो पाती है या फिर नहीं।
इन महीनों में एजेंसी के लिए सबसे अधिक सक्सेस
जनवरी, फरवरी, मई, अक्टूबर और नवंबर में लॉन्चिंग करने पर इसरो को 100 प्रतिशत सफलता मिली है। साल 1975 से लेकर अब तक इन पांचों महीनों में एजेंसी ने कुल 47 लॉन्चिंग की हैं। जिनमें से सभी की सभी में एजेंसी को सफलता मिली है। इसके अलावा अन्य महीनों मार्च, अप्रैल, जून, सितंबर और दिसंबर में भी इसरो को लगभग 90 प्रतिशत लॉन्चिंग में सफलता मिलती है। इसका मतलब इसरो ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए दूसरे सबसे कम सक्सेस रेट वाले महीने को चुना है।