मिशन चंद्रयान-3: चंद्रयान के लॉन्चिंग व्हीकल का एक हिस्सा कंट्रोल से हुआ बाहर, प्रशांत महासागर में हो सकता है क्रैश

बुधवार को पृथ्वी के वातावरण में लौटा वापस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-16 11:07 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। करीब चार महीने पहले 14 जुलाई को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी। जिसने 40 दिन पर यानि की 23 अगस्त को चंद्रमा के अंधेरे हिस्से दक्षिणी ध्रूव पर लैंडिंग करके इतिहास रच दिया था। इस मिशन को सफल बनाने में सबसे अहम भूमिका लॉन्चिंग व्हीकल्स ने निभाई थी। जिससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है।

लॉन्चिंग व्हीकल का हिस्सा वातावरण में लौटा वापस

दरअसल, बुधवार को इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग व्हीकल का एक हिस्सा कंट्रोल से बाहर होकर पृथ्वी के वातावरण में दोबारा से एंट्री कर गया है। इसरो ने बताया कि कंट्रोल से बाहर होने वाला यह हिस्सा लॉन्चिंग व्हीकल का क्रायोजनिक अपर स्टेज था। जिसने चंद्रयान 3 को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया था। लॉन्चिंग व्हीकल का यही हिस्सा बुधवार (15 नवंबर) दोपहर करीब तीन बजे पृथ्वी के वातावरण में दाखिल हुआ है।

प्रशांत महासागर में हो सकता है क्रैश

रॉकेट का यह हिस्सा लॉन्चिंग के 124 दिनों के बाद वापस लौटा है। इसको लेकर इसरो ने अपने बयान में कहा, "संभावित प्रभाव बिंदु का अनुमान उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। अंतिम 'ग्राउंड ट्रैक' (किसी ग्रह की सतह पर किसी विमान या उपग्रह के प्रक्षेप पथ के ठीक नीचे का पथ) भारत के ऊपर से नहीं गुजरा।"

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