सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ चंद्रयान-3, 40 दिन बाद चांद की दक्षिणी ध्रुव पर होगी लैंडिंग

चंद्रयान-3 सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.35 बजे हुआ लॉन्च

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-14 08:30 GMT

डिजिटल डेस्क, श्री हरिकोटा। भारत का लोहा पहले से ही पूरी दुनिया मानती आ रही है। एक बार फिर भारत अपनी धाक दुनिया पर जमाने की तैयारी कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (ISRO) आज (14 जुलाई) अतंरिक्ष में ऐसा कारनामा किया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। अगर भारत इस मिशन में सफल लैंडिंग कराने में कामयाब हो जाता है तो उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिन्होंने अंतरिक्ष में नया अध्याय लिखा है। ISRO मिशन चंद्रयान के तहत चंद्रयान-3 लॉन्च कर दिया है, जो चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर उतर कर भारत का तिरंगा फहराएगा। फिलहाल धरती की सीमा को लांघते हुए चंद्रयान 3 कक्षा में पहुंच चुका है। अब चंद्रमा पर लैंड करने में तकरीबन 40 दिन का वक्त लगेगा। अभी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि यान 23 अगस्त को लैंड कर सकता है।

भारत, चांद को मुठ्ठी में भरने के लिए पूरी तरह तैयार है। चंद्रयान-3 आज यानी 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी पूरे भारतवासी बने। चंद्रयान-3 की लॉन्चिग ISRO की वेबसाइट पर लाइव दिखाई गई। ISRO के चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को लेकर कहा कि, यह लॉन्च होने के बाद पृथ्वी की कक्षा में जाएगा फिर इसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर आगे बढ़ेगा। सोमनाथ ने आगे कहा कि, उम्मीद कर रहे हैं कि सब ठीक रहेगा तो 23 अगस्त या उसके बाद किसी भी दिन चांद पर लैंड कर सकता है।

पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों के अथक प्रयास को किया सलाम

सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 के लॉन्च होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है। ये हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ान है। ये महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं।"

ISRO ने सफल पृथक्करण की घोषणा की

ISRO वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण यान से उपग्रह के सफल पृथक्करण की घोषणा की। उपग्रह को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।

ISRO ने गौरव का क्षण दिया- डॉ. जितेंद्र सिंह

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग होने के बाद केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, इसरो ने हमें गौरव करने का क्षण दिया है मैं सभी देशवासियों की तरफ से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (ISRO) का आभार जताता हूं।

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग

चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के 3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद भारत की स्पेस सेंटर इसरो ने आज शुक्रवार को चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग की। इसे दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहुबली रॉकेट LVM3-M4 से मिशन चांद के तहत भेजा गया है।

एस सोमनाथ ने पूरी टीम को दी बधाई

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के बाद अपनी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा "चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। हमारे LVM3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया है। हम चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं देते हैं ताकि वह आने वाले दिनों में चंद्रमा की ओर सफल यात्रा कर सके।"

लॉन्च हुआ चंद्रयान-3 

चंद्रयान-3 सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.35 बजे लॉन्च हो गया। लॉन्चिंग के बाद स्पेस सेंटर में मौजूद सभी वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह श्रीहरिकोटा में मौजूद

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग देखने के लिए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहुंचे हैं, जहां वो वैज्ञानिकों से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पूर्व इसरो चीफ डॉ. शिवन मौके पर मौजूद

कमांड सेंटर में पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. शिवन और मौजूदा इसरो प्रमुख एस सोमनाथ समेत सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिक मौजूद हैं। चंद्रयान-3 का अंतिम परीक्षण समाप्त कर लिया गया है। अब कुछ ही मिनटो में लॉन्च होने वाली है।

रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा

दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा रहने वाली है। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6,437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 6,437 किमी से बढ़कर 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी।

राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

ISRO की पूरी टीम को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, "आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए ISRO की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।"

केजरीवाल ने ISRO की पूरी टीम को बधाई दी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज का दिन देश के लिए गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा। इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं। उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे।"

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले पीएम मोदी ट्वीट कर कहा, "14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।"

40 दिनों में चांद पर 'भारत'

चंद्रयान-3 धरती से चांद की 3.84 लाख किमी की दूरी 40 दिनों में तय करेगा। लॉन्चिंग के बाद रॉकेट इसे पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा। इस दौरान रॉकेट 36 हजार किमी/घंटे की अधिकतम रफ्तार तक सफर करेगा। इसे पूरा करने में 16 मिनट लगेंगे।

भारत रचेगा इतिहास

चांद पर सफलता पूर्वक लैंडिंग अब तक अमेरिका, चीन और रूस ही करा पाए हैं। अगर भारत का चंद्रयान-3 सफलता पूर्वक चांद पर लैंड कर जाता है तो हम चौथे ऐसे देश होंगे जिन्होंने सफल तरीके से रॉकेट को लैंड कराया हो। चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की तर्ज पर बनाया गया है। साल 2019 में चंद्रयान-2 लैंडिंग के वक्त लैंडर 'विक्रम' अपने पथ से विचलीत हो गया था। जिसकी वजह से चंद्रयान-2 की 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाई थी। इसी को देखते हुए ISRO ने चंद्रयान-3 बनाने का लक्ष्य रखा था और आज उसकी लैंडिंग का समय आ गया है। जिस पर पूरा भारत टकटकी लगाया हुआ है।

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