हम लोगों की सोच बदलने के लिए नहीं बल्कि फिल्म के जरिए अपने विचार व्यक्त करने आए हैं
राज शांडिलिया हम लोगों की सोच बदलने के लिए नहीं बल्कि फिल्म के जरिए अपने विचार व्यक्त करने आए हैं
- हम लोगों की सोच बदलने के लिए नहीं बल्कि फिल्म के जरिए अपने विचार व्यक्त करने आए हैं : राज शांडिलिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नुसरत भरूचा की फिल्म जनहित में जारी की कहानी लिखने वाले लेखक राज शांडिल्य का कहना है कि निर्माताओं का इरादा लोगों की मानसिकता को बदलने से ज्यादा कंडोम के आसपास की पाबंदियों और जन्म नियंत्रण के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करने का है।
शुक्रवार को मुंबई में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर नुसरत, अनुद सिंह ढाका, परितोष त्रिपाठी, राज शांडिल्य समेत कास्ट और क्रू मौजूद थे।
फिल्म एक छोटे से शहर की कहानी है, जहां एक महिला कंडोम सेल्सगर्ल के तौर पर काम करती है और कंडोम को यूज करने की सलाह देती है।
क्या छोटे शहर के अधिकांश दर्शक फिल्म देखने के लिए थिएटर में आएंगे, इस सवाल का जवाब देते हुए राज ने कहा, हम एक फिल्म के जरिए लोगों के विचारों को बदलने की कोशिश नहीं करते। जब तक कोई व्यक्ति अपना मन बदलने का फैसला नहीं करता है, तब तक कोई भी फिल्म ऐसा नहीं कर सकती है। एक फिल्म बड़े पैमाने पर मनोरंजन का एक शक्तिशाली साधन है। हमारी फिल्म एक मास एंटरटेनर है। फिल्म के माध्यम से हम अपने विचार व्यक्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, मुझे नहीं लगता कि हम लोगों के विचार बदल सकते हैं। आप देखते हैं कि सिगरेट के पैकेट पर लिखा होता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बावजूद इसके लोग धूम्रपान करते हैं। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जब लोग इस फिल्म को देखेंगे तो उन्हें मुद्दे की गहराई समझ आएगी।
जय बसंतू सिंह द्वारा निर्देशित विनोद भानुशाली द्वारा निर्मित, जनहित में जारी में विजय राज भी हैं। यह 10 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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