फिल्म पान सिंह तोमर के लेखर संजय चौहान का 62 साल की उम्र में हुआ निधन, भोपाल से की थी करियर की शुरुआत

बॉलीवुड को बड़ा झटका फिल्म पान सिंह तोमर के लेखर संजय चौहान का 62 साल की उम्र में हुआ निधन, भोपाल से की थी करियर की शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-13 07:36 GMT
फिल्म पान सिंह तोमर के लेखर संजय चौहान का 62 साल की उम्र में हुआ निधन, भोपाल से की थी करियर की शुरुआत

डिजिटल डेस्क मुंबई। नए साल की शुरुआत के साथ ही हिन्दी फिल्म जगत को एक बड़ा झटका लगा है। एक्टर इरफान खान की बहुचर्चित फिल्म पान सिंह तोमर के लेखक संजय चौहान का 62 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। तबियात खराब होने के बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने गुरुवार को एच.एन. रिलायंस फांउडेशन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। वे एक बेहतरीन लेखक थे उन्होंने कई फैमस फिल्मों को लिखा था।

लीवर की बीमारी से थे पीड़ित
बता दें कि, लेखक संजय चौहान लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। 10 दिन पहले उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हुई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्लीडिंग की वजह से उनकी हालत काफी खराब हो गई थी। डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। आज यानी 13 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

फिल्म मेकर अविनाश ने जताया शोक
फिल्ममेकर और संजय के करीबी दोस्त अविनाश ने पोस्ट कर अपना दुख जाहिर किया है। उन्होंने लिखा कि, ज़बर्दस्त सेंस ऑफ़ ह्यूमर वाले संजय चौहान हमारे बीच से उठ कर अचानक चले जाएंगे, मालूम नहीं था। हालांकि अजय जी ने दो हफ़्ते पहले एक संकेत जैसा तो दे दिया था, फिर भी दिल के किसी कोने को ये उम्मीद रहती है कि बहुत बीमार होने के बाद भी आदमी ठीक हो जाता है और कई बार तो मौत के मुंह से निकल कर सबको चमत्कृत कर देता है। लेकिन, सच यही है कि संजय चौहान अंतिम विदाई ले चुके हैं।

अंतिम सलाम संजय जी। आपने हमें बहुत कुछ दिया है। काश, हम मिल कर और मज़े करते। चंडीगढ़ में एक बार हमारा बहुत दिलचस्प साथ था। यह तस्वीर तब की ही है। शायद दस साल पहले की।

पत्रकार के रूप में की थी करियर की शुरुआत
लेखर संजय चौहान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले थे। उनकी मां टीचर थीं जबकि पिता रेलवे में नौकरी करते थे। संजय ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी। उन्होंने दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की थी। उसके बाद 1990 में उन्हें क्राइम सीरीज भंवर लिखने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने लगातार कई फिल्में लिखीं जिसमें पान सिंह तोमर के अलावा साहेब बीवी गैंगस्टर, मैंने गांधी को नहीं मारा, धूप और आई एम कलाम जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। 

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