शायर बनने के लिए अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए- गुलजार
शायर बनने के लिए अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए- गुलजार
- 83 साल के हुए गुलजार साहब
- अपनी गजलों
- नज्मों और कविताओं के लिए जाने जाते हैं गुलजार
- गुलजार साहब ने कई फिल्मों के लिखें गीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिसकी नज़्मों में अहसास इतनी नज़ाकत के साथ सिमट जाता हो कि जैसे चांदनी में छिपी आफताब की किरणें। जिसने ज़िंदगी के हर लम्हे को अपनी कायनात में सितारे सा पिरो लिया हो ताकि जब उसका ज़िक्र आए तो वो नज़्म बनकर उतर आए। जिसका बचपन मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू से लबरेज हो और दिमाग़ के कोने में अपनी ख़ासी जगह घेरे बैठा हो। हम बात कर रहे हैं उस शख्स की जो गजलों, नज्मों और शायरी को जीता है। गुलजार साहब देश के उन मशहूर शायरों में से एक हैं जिन्होंने पन्नों पर जो भी लिखा वो लोगों के दिलों में उतर गया। गुलजार साहब ने एक बार कहा था कि शायर बनना बहुत आसान है बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए। 18 अगस्त 1936 में जन्मे सम्पूर्ण सिंह कालरा (गुलजार) साहब आज 83 साल 11 महीने, 4 सप्ताह और 2 दिन के हो चुके हैं। अपनी गजलों से लोगों के दिल में उतरने वाले गुलजार साहब की कुछ चुनिंदा शेर हम लाएं है आपके लिए...