सिनेमाघर में जाकर ज़रूर देखें सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म 'अंत द एंड'

फिल्म रिव्यू सिनेमाघर में जाकर ज़रूर देखें सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म 'अंत द एंड'

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-10 08:57 GMT
सिनेमाघर में जाकर ज़रूर देखें सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म 'अंत द एंड'

 

कलाकार : दिव्या दत्ता, मुकुल देव, देव शर्मा, समीक्षा भटनागर, दीपराज राणा, युगांत बदरी पांडे, अरुण बक्शी, लिलिपुट 
निर्माता व निर्देशक : के. एस. मल्होत्रा
संगीत : विनय विनायक और संदीप सक्सेना
समयावधि : 105 मिनट 
रेटिंग : 4स्टार

सिनेमा पूरी तरह से बड़े पर्दे का ही माध्यम रहा है, अब भी है और आगे भी रहेगा. किसी भी फ़िल्म का लुत्फ़ सबसे पहले सिनेमा के बड़े पर्दे पर‌ ही उठाया जाना चाहिए. एक से बढ़कर एक अच्छी फ़िल्में जब सिनेमाघरों में रिलीज़ होती हैं, तो यह एहसास और भी बढ़ जाता है. इसी एहसास को बढ़ाती है निर्देशक के. एस. मल्होत्रा के निर्देशन में बनी रहस्य और रोमच से भरपूर फ़िल्म "अंत द एंड" जो इसी हफ़्ते सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है.

अपनी सज़ा पूरी करने से पहले जेल से फ़रार हो जानेवाले एक साइको किलर की पृष्ठभूमि पर बनी "अंत द एंड" का एक बेहद दर्शनीय फ़िल्म है जिसे अपने परफॉर्मेंस से फ़िल्म के सभी कलाकारों ने और भी देखने लायक बना दिया है.

साइको किलर के तौर पर मुकल देव ने सशक्त अभिनय किया है तो वहीं एक उम्दा अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान रखनेवाली दिव्या दत्ता ने भी कमाल का काम किया है. समीक्षा भटनागर की भी जितनी तारीफ़ की जाए, कम है. हाल ही में फ़िल्म "धूप छांव" में एक दमदार भुमिका में नज़र आईं समीक्षा भटनागर इस फ़िल्म के ज़रिए ख़ुद को एक उम्दा अभिनेत्री के तौर पर स्थापित करने में कामयाब होती हैं. हरेक फ़्रेम, हरेक सीन में उनकी मेहनत और लगन साफ़ दिखाई देती है. 

फ़िल्म के अन्य कलाकारों - देव शर्मा, युगांत बदरी पांडे, दीपराज राणा, अरुण बख्शी और लिलिपुट ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. जिम्मी और हरदेव सिंह द्वारा लिखी कहानी, भैरानी के. ढारन और हर्षद जाधव का कैमरावर्क, समीर शेख की एडिटिंग, भानु ठाकुर और राय कल्सी के गीत, विनय विनायक व संदीप सक्सेना का संगीत और के. एस मलदहोत्रा का निर्देशन से पैदा हुई प्रभावोत्पादकता फ़िल्म को एक अलग ही मकाम‌ पर ले जाने में सफल साबित होती है.

यह निर्देशक के. एस. मल्होत्रा के निर्देशन का ही कमाल है कि "अंत द एंड" किसी भी मोड़ पर बोरियत नहीं पैदा करती है और फ़िल्म में दर्शकों की रूचि को आख़िर तक बनाए रखती है. फ़िल्म में रहस्य और रोमांच का ऐसा ताना-बाना बुना गया है कि इस फ़िल्म को एक बार देखने से आपका मन नहीं भरेगा और आपका दिल दोबारा से इस फ़िल्म को देखने के लिए मचल उठेगा! तो आप भी 11 नवंबर को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म को अपने नज़दीकी सिनेमाघर में जाकर अवश्य देखें.

Tags:    

Similar News