फिल्म उद्योग एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था है : अनुराग ठाकुर

बॉलीवुड फिल्म उद्योग एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था है : अनुराग ठाकुर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-21 08:00 GMT
फिल्म उद्योग एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था है : अनुराग ठाकुर

डिजिटल डेस्क, पणजी। सूचना एवं प्रसारण और युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को कहा कि फिल्म उद्योग न केवल रचनात्मक दिमाग का उद्योग है, बल्कि यह एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था भी है। अनुराग ठाकुर ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 53 घंटे की चुनौती 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो का उद्घाटन करते हुए अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा, यहां आपको नेटवकिर्ंग (फिल्म निर्माताओं से जुड़ने के लिए) और क्षेत्र में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। यह प्रतियोगिता उद्योग में रचनात्मक दिमाग जोड़ेगी।

उन्होंने आगे कहा, आप अच्छी ऊंचाई हासिल करेंगे। मास्टर कक्षाओं में आपको इस उद्योग के विशेषज्ञों से सीखने को मिलेगा। जब हम फिल्म उद्योग को एक अन्य रचनात्मक दिमाग का उद्योग कहते हैं, तो यह किसी भी देश के लिए एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था भी है, जिसे सॉफ्ट पावर के रूप में भी जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग के विशेषज्ञ न सिर्फ प्रतिभागियों को पढ़ाएंगे बल्कि उन्हें तख्ती भी दी जाएगी। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, आपको अपने काम के लिए अवसर मिलेगा, आपका नेटवर्क आपकी नेटवर्थ है। आईएफएफआई मंच दुनिया के लिए एक आकर्षण रहा है।

ठाकुर ने कहा कि, पिछली प्रतियोगिताओं के कुछ प्रतिभागियों ने क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है और फिल्मों में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स में भारत अच्छा कर रहा है। पिछले आठ साल में युवाओं ने खुद को साबित किया है। इसका मतलब है कि अगर हमारे युवा लक्ष्य हासिल करने की ठान लें तो उसमें सफलता मिलती है।

उन्होंने 75 युवा प्रतिभाओं से आग्रह किया कि वे उद्योग में सबसे प्रतिभाशाली दिमागों का पता लगाएं, अनुभव करें और उनसे जुड़ें। 18-35 आयु वर्ग के सभी 75 युवा, जिन्होंने 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो प्रतियोगिता की सूची में जगह बनाई है, उन्हें 53-घंटे की चुनौती में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 15 के समूहों में विभाजित किया गया है।

यह प्रतियोगिता उन्हें अपने आइडिया ऑफ इंडिया100 पर 53 घंटे में एक लघु फिल्म बनाने की चुनौती देगी। आईएफएफआई 53 का यह खंड शॉर्ट्स टीवी के सहयोग से राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा संचालित है। उन्होंने बताया कि, 10 श्रेणियों में लगभग 1000 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिनका चयन किया गया और 75 को प्रतियोगिता के लिए चुना गया।

 

(आईएएनएस)

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