B'day: शत्रुघ्न सिन्हा ने हीरो ही नहीं, विलेन के रूप में खूब लूटी थी महफिल

B'day: शत्रुघ्न सिन्हा ने हीरो ही नहीं, विलेन के रूप में खूब लूटी थी महफिल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-09 06:04 GMT
B'day: शत्रुघ्न सिन्हा ने हीरो ही नहीं, विलेन के रूप में खूब लूटी थी महफिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड इंडस्ट्री में अभिनेता और इसके बाद राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा आज 74 साल के हो गए हैं। शत्रुघ्न रिश्ता आज भले ही सिनेमा में विलेन या हीरो के तौर पर ना रहा हो, लेकिन एक समय था जब उनकी एंट्री पर सिनेमाघर तालियों से गूंज उठा करते थे। जब वो पर्दे पर हीरो बने तो दुश्मनों को खामोश कर दिया। वहीं विलेन का किरदार निभाया तो हीरो से ज्यादा महफिल लूटी। आइए शत्रुघ्न के जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें...

ये है सबसे फेमस डायलॉग
शत्रुघ्न का वर्ल्ड फेमस डायलॉग खामोश आज भी लोगों के मुंह पर चढ़ा हुआ है। जब शत्रुघ्न इसे अपने अंदाज में पेश करते थे तो थिएटर में तालियां बजने लगती थीं। इसके अलावा उनके फिल्मी कॅरियर में और भी कई एक से बढ़कर एक कमाल के डायलॉग हैं। 

यहां हुआ जन्म
शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 9 दिसंबर को हुआ था। शत्रुघ्न सिन्हा के पिता एक डॉक्टर थे और उनके चार भाई हैं। इन चार भाइयों का नाम दशरथ के बेटों की तरह राम, लखन, भरत और शत्रुघ्न है। शत्रुघ्न ने पटना साइंस कॉलेज से ग्रेजुएट की और उसके बाद एफटीआईआई से पढ़ाई की।

यहां से हुई फिल्मी कॅरियर की शुरुआत
1969 में फिल्म साजन से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले शत्रुघ्न ने अपने फिल्मी कॅरियर में पारस, दोस्त, कालीचरण, विश्वनाथ, शान, काला पत्थर, नसीब, क्रांति और दोस्ताना जैसी बेहतरीन फिल्मों में दमदार अभिनय किया। उन्होंने फिल्म प्यार ही प्यार में एक विलेन के रूप में किरदार निभाया। हालांकि जितनी सुर्खियां उन्होंने एक हीरो के रूप में बटोरीं, उतनी ही एक विलेन के रूप में भी। 

मिला बेस्ट एक्टर अवार्ड्स
शत्रुघ्न को बेस्ट एक्टर के अवार्ड्स के अलावा नेशनल किशोर कुमार सम्मान, लाइफ टाइम अचिवेमेंट अवार्ड और IIFA 2014 में भारतीय सिनेमा में अपने बेहतरीन योगदान के अवार्ड से भी नवाजा गया था। कमाल की एक्टिंग के साथ साथ शत्रुघ्न अपने एक खास अंदाज की डायलॉग डिलीवरी के लिए भी जाने जाते हैं।

राजनीतिक सफर की शुरुआत
शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1984 में हुई, जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। पार्टी ने उनके व्यक्तित्व और दमदार आवाज के कारण स्टार प्रचारक बनाया। 1996 और 2002 में एनडीए की ओर से वह राज्यसभा सांसद के लिए चुने गए। 2003-2004 में कैबिनेट मंत्री बने। उसके बाद 2009 और 2014 में बिहार की पटना साहिब सीट से वह सांसद चुने गए। 

हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2019 में शत्रुघ्न ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। यहां कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह देने के साथ ही चुनाव लड़ने के लिए अपनी मौजूदा सीट बिहार के पटना साहिब से टिकट भी दिया। हालांकि वे यहां से चुनाव हार गए।

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