महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: महायुति में CM फेस पर सस्पेंस बरकरार! विधायक दल की बैठक से पहले PM मोदी के भाषण में एकनाथ शिंदे के नाम पर चुप्पी से सियासी पारा हाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने बंपर वोटों के साथ जीत दर्ज की है। महायुति से भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित गुट) का प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा। इस बार भाजपा ने 132, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और एनसीपी (अजित गुट) ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है। तीनों पार्टी की सीटों को जोड़कर महायुति के पाले में कुल 230 सीटें आई है। इसके बाद से अब महायुति से सीएम फेस को लेकर चर्चांए तेज हैं।
पीएम मोदी ने फडणवीस और अजित को लेकर कही ये बात
चुनाव नतीजे आने के बाद महायुति से देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने सीएम फेस को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि महुयित में तीनों पार्टियां मुख्यमंत्री के चेहरें पर सर्वसम्मति से फैसला लेगी। हाालंकि, संभावना जताई जा रही है कि भाजपा ने सर्वाधिक 132 सीटें जीती है। तो सीएम फेस भाजपा की ओर से ही चुना जा सकता है। इस बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में सीएम फेस को लेकर बड़ा संकेत दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत के बाद दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, "मैं देशभर के बीजेपी एनडीए के कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं और अभिनंदन करता हूं। मैं एकनाथ शिंदे, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस और भाई अजित पवार की प्रशंसा करता हूं।" इस दौरान पीएम मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को उनका परम मित्र और अजित पवार को अपना भाई बताया। हालांकि, उन्होंने एकनाथ शिंदे का कोई जिक्र नहीं किया। पीएम मोदी के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा से सीएम फेस चुना जा सकता है।
कब होगी महायुति के विधायक दल की बैठक
सूत्रों के अनुसार, महायुति खेमे में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के विधायक दल की बैठक रविवार को होने की संभावना है। जबकि शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के वानखेडे़ स्टेडियम या शिवाजी पार्क में सोमवार या मंगलवार को हो सकता है।
महायुति की सर्वदलीय बैठक के बारे में देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रकिया का पालन करने की बात कही है। उन्होंने कहा, "तीनों दलों के नेता मिलेंगे और सीएम तय करेंगे। विधायक दल की बैठकें अलग-अलग होंगी। इसके बाद तीनों दलों के नेता मिलेंगे। बीजेपी के लिए यह संसदीय बोर्ड है और शिवसेना के लिए यह शिंदे साहब हैं और एनसीपी के लिए यह अजित दादा हैं।"