निर्भया केस: दोषियों की फांसी के लिए करना होगा और इंतजार, 22 को नहीं होगी फांसी
निर्भया केस: दोषियों की फांसी के लिए करना होगा और इंतजार, 22 को नहीं होगी फांसी
- दया याचिका के खारिज होने के 14 दिन बाद ही हो सकती है फांसी
- राष्ट्रपति के पास दोषी मुकेश की दया याचिका लंबित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस के अपराधियों की फांसी के लिए अभी देश कुछ और समय का इंतजार करना होगा। मुकेश कुमार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। मुकेश ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से जारी किए गए डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। सरकरी वकीलों के मुताबिक दोषियों को सजा के लिए तय की गई तारीख यानी 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती, क्योंकि उनकी दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित है।
Advocate Rahul Mehra appearing for Tihar Jail authorities says, "It can only take place 14 days after the mercy plea is rejected as we are bound by the rule which says that a notice of 14 days must be provided to the convicts after the rejection of mercy plea" https://t.co/FeTsGjJkoO
— ANI (@ANI) January 15, 2020
सुनवाई के दौरान वकील राहुल मेहरा ने कहा कि "राष्ट्रपति के पास दोषियों की दया याचिका अभी भी लंबित है। दोषियों को मौत की सजा, राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के 14 दिन बाद दी जा सकती है, क्योंकि हम नियम से बंधे हुए हैं और नियम के मुताबिक दया याचिका खारिज होने के बाद दोषियों को 14 दिन का समय देना चाहिए।"
2012 Delhi gangrape case: Delhi High Court refuses to set aside the trial court order which issued death warrant.
— ANI (@ANI) January 15, 2020
Delhi HC asks convict Mukesh"s counsel to approach trial court and apprise the court about the pending mercy plea.
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मुकेश के वकील से राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका के बारे में कोर्ट को अवगत कराने को कहा। साथ ही कोर्ट ने डेथ वारंट मामले पर ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने को भी कहा है। बता दें कि 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था और 22 जनवरी को फांसी देने की घोषणा की थी, लेकिन उपरोक्त तथ्यों के मुताबिक, जिस दिन राष्ट्रपति दोषियों की दया याचिका खारिज करेंगे, उसके 14 दिनों बाद उन्हें फांसी दी जाएगी। मान लीजिए कि यदि राष्ट्रपति आज याचिका खारिज करते हैं, तो दोषियों को 29 जनवरी को फांसी दी जा सकती है।
मां का दर्द
सुनवाई से पहले निर्भया की मां आशा देवी को उम्मीद थी कि कोर्ट मुकेश की डेथ वारेंट को रोकने की मांग को खारिज कर देगा। फांसी में देरी होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने कहा कि "या तो दोषियों के वकील फांसी को विलंबित करने की कोशिश कर रहे हैं या हमारा सिस्टम अंधा है जो दोषियों को सपोर्ट दे रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि "आप सरकार से पूछिए कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी या नहीं।"
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Either lawyers of the convicts are trying to delay execution or our system is blind is supporting criminals. I"m struggling since 7 years. Instead of asking me, you should ask the govt if convicts will be hanged on Jan 22 or not https://t.co/f1T8QBZMVo pic.twitter.com/3hgAPcwUYY
— ANI (@ANI) January 15, 2020