महिला क्रिकेट टीम को पुरूष टीम से कम मैच फीस मिलने पर ऐतराज नहीं, अपने पैरों पर खड़े होने की है पूरी तैयारी

लड़ कर नहीं करके दिखाएंगी महिला क्रिकेट टीम को पुरूष टीम से कम मैच फीस मिलने पर ऐतराज नहीं, अपने पैरों पर खड़े होने की है पूरी तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-08 16:42 GMT
महिला क्रिकेट टीम को पुरूष टीम से कम मैच फीस मिलने पर ऐतराज नहीं, अपने पैरों पर खड़े होने की है पूरी तैयारी
हाईलाइट
  • अभी जो बीसीसीआई को रिवेन्यू मिलता है
  • वो सिर्फ पुरुष क्रिकेट से ही आता है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा जिन्हें तीन मैच खेलने के मिलते हैं 18 लाख भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज जिन्हें एक तीन मैच खेलने के मिलते हैं एक लाख रुपये, पद समान हैं लेकिन सैलेरी ने कद में अंतर ला दिया है। 

महिला दिवस पर इस आशय के एक ट्वीट के बाद ये मुद्दा काफी वायरल हुआ और चर्चाओं में भी रहा। सवाल उठे कि आखिर महिला टीम और पुरूष टीम की मैच फीस में इतना अंतर क्यों। सवाल लाजमी है, लेकिन इस सवाल की आड़ में बीते सालों में जो संघर्ष महिला टीम ने किया है उसे दरकिनार नहीं किया जा सकता। साल दर साल ये टीम पॉजीटिव अप्रोच और एचीवमेंट्स के साथ आगे बढ़ रही है। इस टीम की ग्रोथ देखकर ये दावा किया जा सकता है कि अगले कुछ सालों में मैच फीस का ये अंतर महिला टीम आसानी से पाट देगी।    

मैच फीस में अंतर

1970 और 80 के दशक के बाद से भारतीय महिला क्रिकेट ने एक लंबा सफर तय किया है, जब राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ीयों को अपनी ट्रैवेलिंग का खर्चा खुद उठाना पड़ता था, अपनी ट्रेन बर्थ और क्रिकेट किट तक को शेयर करना पड़ा। खेलों में महिलाओं ने हाल के वर्षों में सैलरी के मामले में तेजी से प्रगति की है, लेकिन अभी भी एक बड़ा अंतर बना हुआ है।  

क्रिकेट की बात करे तो स्मृति मंधाना, वर्तमान में महिला टीम की सबसे अधिक कमाई करने वाली खिलाड़ियों में से एक है, बीसीसीआई कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार उनकी जो मौजूदा सैलरी है, वह 2004 में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की थी (50 लाख रु.)।

2017 के प्रदर्शन के बाद बढ़ाई गई सैलरी 

 बीसीसीआई ने हाल ही में दोनों पुरुष एवं महिला अनुबंधित क्रिकेटरों की सैलरी में वृद्धि की थी। 2017 के वर्ल्ड कप में फाइनल तक का सफर करने वाली भारतीय महिला टीम को उसके प्रदर्शन का इनाम मिला था। 

भारतीय महिला एवं पुरुष क्रिकेट टीम के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2015-16 :

सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2015/16 (महिला): ग्रेड ए (15 लाख रुपये), ग्रेड बी (10 लाख रुपये) 
 
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2015/16 (पुरुष) : ग्रेड ए (1 करोड़ रुपये), ग्रेड बी (50 लाख रुपये) और ग्रेड सी (25 लाख रुपये)। 

भारतीय महिला एवं पुरुष क्रिकेट टीम के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2021-22 :

सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2021/22 (महिला): ग्रेड ए (50 लाख रुपये), ग्रेड बी (30 लाख रुपये) और ग्रेड सी (10 लाख रुपये)। 
 
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2021/22 (पुरुष) : ग्रेड ए+ (7 करोड़ रुपये), ग्रेड ए (5 करोड़ रुपये), ग्रेड बी (3 करोड़ रुपये) और ग्रेड सी (1 करोड़ रुपये)।

साफतौर से आप अंतर देख सकते हैं, सैलरी तो बढ़ी है, लेकिन महिलाओं को ए ग्रेड में मिलने वाली सैलरी पुरुषों के मुकाबले ग्रेड सी से भी कम है। 

क्यों है ये अंतर

दरअसल, अभी जो बीसीसीआई को रिवेन्यू मिलता है, वो सिर्फ पुरुष क्रिकेट से ही आता है क्योंकि क्रिकेटरों को अपने देश के लिए खेलने की कुल कमाई केवल इस कॉन्ट्रैक्ट से नहीं होती है। एक भारतीय खिलाड़ी को मिलने वाला कुल भुगतान उसकी अनुबंध राशि, मैच फीस, पुरस्कार राशि और बीसीसीआई के ग्रॉस ऐनुअल रिवेन्यू (gross annual revenue) पर निर्भर करता है। 

बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को हर साल अपने रिवेन्यू का 26% भुगतान करता है-

पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों - 13% 
घरेलू खिलाड़ियों - 10.3% 
जूनियर खिलाड़ियों और महिलाओं- 2.7% 

-प्राइज मनी 

2020 महिला टी-20 वर्ल्ड कप के बाद जहां भारत फाइनल में पहुंचा, वहां महिला टीम को 3.75 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिली वहीं 2021 में पुरुष टी20 विश्व कप के बाद, जहां भारत ग्रुप चरण में बाहर हो गया, पुरुष टीम को 41.63 करोड़ रुपये मिले।

-मैच फीस

मैच फीस बदलती रहती है होती है क्योंकि यह इवेंट और अन्य फैक्टर जैसे स्पोंसर्स की संख्या पर निर्भर करती है। पुरुषों के क्रिकेट आयोजनों में स्पोंसर्स की संख्या आमतौर पर महिलाओं के खेल की तुलना में बहुत अधिक होती है।

इसको लेकर पूछे गए सवाल का स्मृति मंधना ने बहुत ही खूबसूरत जवाब दिया था, उन्होंने कहा, " हमें यह समझने की जरूरत है कि जो रिवेन्यू हमें मिलता है वह पुरुष क्रिकेट से है। जिस दिन महिला क्रिकेट से रिवेन्यू मिलना शुरू होगा, मैं यह कहने वाली पहली खिलाड़ी होंगी कि हमें समान सैलरी दी जाए है, लेकिन अभी, हम यह नहीं कह सकते।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि टीम का कोई भी खिलाड़ी इस अंतर के बारे में सोच रहा है क्योंकि अभी हमारा एकमात्र फोकस भारत के लिए मैच जीतना है, स्पोंसर्स को लाना हो और ज्यादा से ज्यादा रिवेन्यू प्राप्त करना है। यही वह चीज है जिसके लिए हम लक्ष्य बना रहे हैं और यदि ऐसा होता है, तो अन्य सभी चीजें अपने आप हो जाएंगी।" 

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने खत्म की ये असमानता 

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने सबसे पहले इस असमानता को खत्म किया, बोर्ड ने 2020 टी 20 विश्व कप के बाद महिला टीम के लिए समान वेतन की घोषणा की और आईसीसी की पुरस्कार राशि में अंतर के लिए फाइनल जीतने के बाद महिला टीम को 600,000 अमरीकी डालर का भुगतान किया। 

दुनिया के बाकी खेलों का क्या स्टेटस 

दुनिया के बाकी खेलों में भी खिलाड़ियों को मिलने वाली सैलरी और प्राइज मनी में काफी अंतर है। प्रमुख खेलों की बात करे तो महिला खिलाड़ी पुरुष खिलाड़ियों के मुकाबले 15 से 100% काम सैलरी पति है। हालांकि, बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 83% खेलों में सामान प्राइज मनी मिलती है, लेकिन सिर्फ वर्ल्ड चैंपियनशिप लेवल पर, बाकी टूर्नामेंट्स में नहीं। 

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