अपनी नवजात बच्ची का अंतिम संस्कार करने के बाद, मैदान पर वापस आकर इस क्रिकेटर ने ठोका शतक
यही जज्बा असली खेल भावना अपनी नवजात बच्ची का अंतिम संस्कार करने के बाद, मैदान पर वापस आकर इस क्रिकेटर ने ठोका शतक
- कोहली ने भी किया था ऐसा कारनामा
- तेंदुलकर ने पिता की मृत्यु के बाद ठोका था शतक
- हसिक पारी के दौरान विष्णु ने 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ये सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि उससे कहीं बढ़कर है, और इस बात का सबूत आय दिन अपने जज्बे और समर्पण से खिलाड़ी मैदान पर देते रहते है। ऐसा ही वाक्या एक बार फिर से रणजी ट्रॉफी में देखने को मिला है। रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के लिए खेलने वाले विष्णु सोलंकी को मैच के दौरान पता चलता है कि उनकी नवजात बच्ची का निधन हो गया है, लेकिन विष्णु जाते है अंतिम संस्कार करके आते है और मैदान पर वापिस आकर चंडीगढ़ के खिलाफ शतक जड़ देते है। पूरा क्रिकेट जगत उनके इस जज्बे को सलाम कर रहे है।
इस साहसिक पारी के दौरान विष्णु ने 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए। बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें रियल हीरो बताया है। सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले शेल्डन जैक्सन ने ट्वीट कर लिखा, "मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं शायद ही कोई इतना टफ प्लेयर हो। मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम। मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें।"
What a player . Has to be the toughest player i have known. A big salute to vishnu and his family by no means this is easywish you many more hundreds and alot of success pic.twitter.com/i6u7PXfY4g
— Sheldon Jackson (@ShelJackson27) February 25, 2022
कोहली ने भी किया था ऐसा कारनामा
भारत के पूर्व कप्तान ने भी इस खेल के लिए अपना प्यार कुछ इस ही अंदाज में बयां किया था। 2006 में, विराट दिल्ली के लिए कर्नाटक के खिलाफ खेल रहे थे तब उन्हें पता चला कि उनके पिता प्रेम कोहली का हार्ट-अटैक की वजह से आकस्मिक निधन हो गया है। लेकिन 18 साल के कोहली ने मैच खेलना जारी रखने का फैसला किया। उन्होंने 90 रन की पारी खेलकर अपनी टीम के लिए पहले मैच बचाया और फिर एक अच्छे पुत्र का परिचय देते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
तेंदुलकर ने पिता की मृत्यु के बाद ठोका था शतक
1999 में जब सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर का जब निधन हुआ, तब वह इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेल रहे थे। बोर्ड ने उन्हें स्पेशल प्लेन से देश भेजा ताकि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। पिता के अंतिम संस्कार के बाद सचिन के बड़े भाई नितिन और उनकी मां ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा, जिसके बाद वापस आते ही सचिन ने केन्या के खिलाफ शतक ठोक दिया।
तेंदुलकर ने कहा था, "मैं घर आने पर अपनी मां को देखकर भावुक हो गया था। मेरे पिता के निधन के बाद वे टूट गई थीं, लेकिन उस दुख की घड़ी में भी वह मुझे घर पर रुकने देना नहीं चाहती थीं और वह चाहती थीं कि मैं टीम के लिए खेलूं। जब मैंने केन्या के खिलाफ वह शतकीय पारी खेली थी, तो मैं बहुत भावुक हो गया था।" सचिन ने केन्या के खिलाफ 101 गेंदों पर 140 रन की पारी खेली थी।