महेंद्र सिंह धोनी ने अपने जीवन के दो सबसे खास पलों के बारे में बताया, देखें वीडियो
महेंद्र सिंह धोनी ने अपने जीवन के दो सबसे खास पलों के बारे में बताया, देखें वीडियो
डिजिटल डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बुधवार को मुंबई में एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान अपने जीवन के दो सबसे खास पलों के बारे में बताया। धोनी ने कहा कि, 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली उनकी टीम का शानदार स्वागत जैसे पल उनके दिल के बेहद करीब हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने साउथ अफ्रीका में पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। जबकि इसके बाद टीम इंडिया में उनकी कप्तानी में अपनी सरजमीं पर 2011 में वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।
धोनी ने प्रमोशनल इवेंट में कहा, ‘मैं यहां 2 घटनाओं का जिक्र करना चाहूंगा जो मेरे दिल के बेहद करीब है। पहली घटना जब हम 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप के बाद भारत आए और हमने खुली बस में यात्रा की और हम मरीन ड्राइव (मुंबई) में खड़े रहे। हर तरफ जाम लगा था और लोग हमारे स्वागत के लिए अपनी कारों में आए थे। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे हर किसी के चेहरे पर खुशी देखकर अच्छा लगा था। क्योंकि दर्शकों में कई ऐसे लोग रहे होंगे जिनकी उड़ान छूट गई होगी, हो सकता है कि वे किसी महत्वपूर्ण काम से जा रहे हों। वह शानदार स्वागत था। पूरा मरीन ड्राइव एक छोर से दूसरे छोर तक भरा था।
धोनी ने दूसरी घटना का जिक्र किया, जब वह मुंबई में 2011 में खेले गए वर्ल्ड कप का फाइनल मैच का वह क्षण था जब भारत जीत के करीब था और दर्शक ‘वंदे मातरम’ चिल्ला रहे थे। धोनी ने इस महत्वपूर्ण मैच में नाबाद 91 रन बनाए थे। उन्होंने कहा, दूसरा वाक्य 2011 वर्ल्ड कप फाइनल का था। मैच में जब 15-20 रन चाहिए थे तब जिस तरह से वानखेड़े स्टेडियम में दर्शक ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा रहे थे।
धोनी ने कहा, ‘ये दोनों पल मेरे दिल के बेहद करीब हैं। मुझे लगता है कि उन्हें दोहराना बहुत मुश्किल होगा। धोनी ने कहा कि, क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है जिसके कारण देश में यह सबसे अधिक लोकप्रिय है। उन्होंने कहा, ‘जब क्रिकेट की बात आती है तो इसमें काफी अनिश्चितताएं हैं और इसलिए मुझे लगता है कि, यह देश में सबसे अधिक लोकप्रिय है। प्रत्येक गेंद या जब भी गेंदबाज गेंद करने आता है तो वह मैच का नक्शा बदल सकता है। मेरा मानना है कि असल में टी-20 में प्रत्येक गेंद मैच का नक्शा बदल सकती है।
धोनी ने कहा, क्रिकेट में हम खुद ही नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। जैसे कि अगर आप 15 साल पुरानी बात करो तो आम बल्लेबाज रिवर्स स्वीप नहीं करता था, लेकिन अब आप देखते हो कि बल्लेबाज यह शॉट खेलते हैं। इसके साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि भारतीय क्रिकेट टीम अपने प्रशंसकों के कारण सफल है।
धोनी ने अपने शुरुआती करियर के बारे में बात की और कहा कि, उन्होंने भी उतार चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक छोटे से राज्य (झारखंड), एक छोटे से शहर (रांची) से आया हूं और इसलिए मेरे लिए हमेशा परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं। मैंने 2003 में भारत ए के दौरे तक छोटे छोटे उतार चढ़ाव देखे। भारत-ए के दौरे के बाद मैंने लगातार सफलता हासिल की।’