माही और मॉर्गन का मुकाबला, आज जो जीता वही सिकंदर
आईपीएल 2021 फाइनल CSK VS KKR माही और मॉर्गन का मुकाबला, आज जो जीता वही सिकंदर
डिजिटल डेस्क, दुबई। माही मार रहा है! 18 रन 6 गेंद और चेन्नई सुपर किंग्स फाइनल में, किसी फैन ने आईपीएल की सही परिभाषा दी हैं की आईपीएल वह टूर्नामेंट हैं जहां सात टीमें इसलिए एक-दूसरे का सामना करती हैं ताकि वह फाइनल में चेन्नई के साथ खेल सकें क्योंकि 14 सीजन में नौवीं बार थाला की टीम फाइनल में पहुंची हैं और यह एकमात्र ऐसी टीम हैं जिसने 13 बार प्लेऑफ में जगह बनाई हैं। पिछली बार चेन्नई आईपीएल से बाहर होने वाली पहली टीम थी, यही एकमात्र साल है जिसमे टीम प्लेऑफ में जगह बनाने से चूकी थी।
क्वालीफायर-1 में महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले से वही खेल देखने को मिला जिस वजह से क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें "बेस्ट फिनिशर एवर " का शीर्षक दिया है। अब उनके प्रशंसकों को उनसे यही उम्मीद रहेगी की अगर धोनी दुनिया की सबसे बड़ी लीग में आखरी बार खेल रहे हो तो बस छक्के के साथ इसे विराम दें! (धोनी फिनिशेस थिंग्स ऑफ इन स्टाइल , 2011 वर्ल्ड कप ) एक बार उनके फैंस को यह आखरी बार सुनने का मौका मिले।
दूसरी तरफ कोलकाता नाइट राइडर्स ने भी अपने दमदार खेल से सबको प्रभावित किया हैं, असल में यूएई लेग के दौरान इस टीम ने 360 डिग्री घुमाव लिया है। वरना कौन सोच सकता हैं कि आईपीएल-14 के इंडियन लेग में 7 में से 2 मैच जीतने वाली कोलकाता की टीम यूएई लेग में 7 में से 5 लीग मैच जीतकर और दो प्लेऑफ की चुनौतियों (एलिमिनेटर और क्वालीफायर-2) को पार कर आईपीएल इतिहास में तीसरी बार फाइनल में प्रवेश कर जाएगी।
चेन्नई सुपर किंग्स ने अभी तक 8 में से 3 बार फाइनल जीतकर आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की है तो वहीं कोलकाता ने दो बार फाइनल में पहुंचकर दोनों बार ऐसा किया है। इसका मतलब केकेआर आईपीएल फाइनल आज तक नहीं हारा है। 2014 में कोलकाता ने गौतम गंभीर की कप्तानी में फाइनल में चेन्नई को हराकर अपने पहले आईपीएल खिताब पर कब्जा जमाया था।
आईपीएल इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स ने 2010, 2011 और 2018 में तो वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2012 और 2014 में इस खिताब को अपने नाम किया था।
अनुभव से लबालब भरी हुई चेन्नई सुपर किंग्स
पुरे लीग एकमात्र चेन्नई की टीम ऐसी हैं जिसमे अनुभव की कमी नहीं। उनके कप्तान धोनी से लेकर उनके खिलाड़ी जैसे फाफ डू प्लेसिस, रॉबिन उथप्पा, मोईन अली, आदि सारे ऐसे धुरंधर हैं जिन्हे फर्स्ट क्लास तो छोड़िये बल्कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का भी अच्छा खासा अनुभव हैं। तो वहीं चेन्नई के युवा सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ ने भी अपने शानदार खेल से सबका ध्यान अपनी और आकर्षित किया हैं। गायकवाड़ ने इस साल 15 मैचों में 46. 38 की औसत और 137. 35 के स्ट्राइक रेट से 603 रन बनाए हैं। वह केएल राहुल (626 रन) को पछाड़कर पर्पल कप अपने सर पर सजाने से मात्र 23 रन दूर हैं। इस दौरान उन्होंने एक शतक और 4 अर्धशतक भी जमाए हैं जहां उनका सर्वश्रेष्ठ नाबाद 101 रन रहा जो उन्होंने राजस्थान के खिलाफ अबु धाबी के मैदान पर बनाया था। इस बड़े मुकाबले में सबकी निगाहें इस युवा बल्लेबाज पर जरूर टिकी होंगी।
पहले क्वालीफायर के बाद टीम के लिए एक और सकारत्मक संकेत हैं। रॉबिन उथप्पा की शानदार अर्धशतकीय पारी के बाद, सुरेश रैना की फिटनेस की स्थिति अब इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही हैं। पिछले मुकाबले में फाफ डु प्लेसिस के पहले ओवर में आउट होने के बाद उथप्पा ने पावरप्ले में टीम की जरूरत पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
कोलकाता में युवाओं ने जगाई उम्मीद की किरण
कोलकाता नाइट राइडर्स की सफलता की कहानी चेन्नई से उलट हैं वहां अनुभव था या जोश हैं। कोलकाता की दमदार वापसी का सबसे बड़ा क्रेडिट जाता है वेंकटेश अय्यर और वरुण चक्रवर्ती को जिनके निरंतर अच्छे प्रदर्शन के कारण टीम यहां तक पहुंचने में कामयाब हुई हैं। वेंकटेश अय्यर ने 9 पारियों में 40 की औसत और 125 के स्ट्राइक-रेट से 320 रन बनाए हैं तो वहीं वरुण ने 16 मैचों में मात्र 6.40 की इकॉनमी से 18 विकेट चटकाए हैं।
और फिर एलिमिनेटर में आरसीबी के खिलाफ सुनील नारायण के हरफनमौला प्रदर्शन को कौन भूल सकता हैं जहां उन्होंने अकेले ही कोहली के सपने को तोड़ दिया था। नारायण ने गेंदबाजी में चार विकेट लेने के बाद डेन क्रिस्चियन को एक ही ओवर में तीन छक्के जड़कर मैच को अपनी टीम के पक्ष में डाल दिया था।
कोलकाता की सबसे बड़ी परेशानी है उनके कप्तान इयॉन मॉर्गन की खराब फॉर्म। मॉर्गन के बल्ले से 16 मैचों में 11.72 की औसत और 98.47 के स्ट्राइक-रेट से मात्र 129 रन ही निकले हैं। उसके बाद आंद्रे रसेल की चोट पर अभी भी सस्पेंस हैं। अगर रसेल कल के मैच के लिए फिट हो जाते हैं तो वह चेन्नई के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं।