गांगुली ने पीके बनर्जी के निधन पर शोक जताया, बोले-मैंने ऐसे करीबी इंसान को खो दिया, जिसे मैं बेहद प्यार करता था
गांगुली ने पीके बनर्जी के निधन पर शोक जताया, बोले-मैंने ऐसे करीबी इंसान को खो दिया, जिसे मैं बेहद प्यार करता था
- गांगुली ने कहा
- आज मैंने एक बेहद करीबी इंसान को खो दिया.. ऐसे इंसान को जिसको मैं बेहद प्यार करता था
- दिग्गज फुटबॉलर पीके बनर्जी का शुक्रवार को सीने में संक्रमण के कारण 83 साल की उम्र में निधन
- सचिन
- बाईचुंग भूटिया
- सुब्रत भट्टाचार्य और सुनील छेत्री ने भी बनर्जी के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दिग्गज फुटबॉलर पीके बनर्जी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि बनर्जी का उनके करियर पर बड़ा प्रभाव था। गांगुली ने ट्वीटर पर लिखा कि, उनके दिल में बनर्जी के प्रति बेहद प्यार और सम्मान है। बनर्जी का शुक्रवार को सीने में संक्रमण के कारण 83 साल की उम्र में निधन हो गया। इससे भारतीय खेलजगत में शोक की लहर है।
गांगुली ने कहा, आज मैंने एक बेहद करीबी इंसान को खो दिया.. ऐसे इंसान को जिसको मैं बेहद प्यार करता था और सम्मान देता था। मैं जब 18 साल का था तब से उनका मेरे करियर पर काफी प्रभाव रहा है। उनकी सकारात्मकता बहुत बड़ी बात थी। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.. इस सप्ताह दो करीबी लोगों को खो दिया।
Lost a very dear person today .. someone who I loved and respected enormously.. someone who had so much influence in my career when I was a 18 year old boy .. his positivity was infectious .. may his soul rest in peace .. lost two vry dear persons ths week https://t.co/unRE125C9w
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) March 20, 2020
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, पूर्व फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया, सुब्रत भट्टाचार्य और भारतीय फुटबाल टीम के मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री ने भी पीके बनर्जी के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। तेंदुलकर ने ट्वीट किया, भारत के महान फुटबाल खिलाड़ी पीके बनर्जी के निधन पर उनको श्रद्धांजलि। उनसे मुलाकात की और उन्होंने जो सकारात्मकता मुझे दी उसकी मेरे पास शानदार यादें हैं।
Heartfelt condolences on the passing of the great Indian footballer PK Banerjee!
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) March 20, 2020
Have fond memories of meeting him on a few occasions and the positivity he spread.
May his soul Rest In Peace! pic.twitter.com/NqXO2A91wc
वहीं छेत्री ने ट्वीट कर लिखा, मैं बनर्जी के निधन पर उनके परिवार साथ ही साथ भारतीय फुटबाल को अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। वह हर तरीके से मार्गदर्शक थे और उनकी उपलब्धियां हमेशा भारतीय फुटबाल के इतिहास में रहेंगी।
I would like to offer my heartfelt condolences to the family of Mr. PK Banerjee as well as to the entire Indian football fraternity.
— Sunil Chhetri (@chetrisunil11) March 20, 2020
He was a pioneer in every sense of the word, and his achievements will forever have a place in Indian footballing history. Rest in peace.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि उन्होंने अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक दिवगांत पी.के. बनर्जी के कोच रहते खेला। 1997 फेडरेशन कप के सेमीफाइनल में कोच बनर्जी की ईस्ट बंगाल ने मोहन बागान को 4-1 से हरा दिया था। 1,31,000 दर्शकों के सामने खेले गए इस मैच में भूटिया ने हैट्रिक लगाई थी। वह बेहद शानदार इंसान थे। काफी खुश शख्सियत और मेरे लिए मेरे पिता समान। मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक उनके मागदर्शन में खेला। उनका जाना भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ा नुकसान है। वह भारत के महानतम खिलाड़ी और प्रशिक्षकों में हैं।
भारतीय फुटबाल टीम पूर्व डिफेंडर सुब्रता भट्टाचार्य ने कहा, बनर्जी ने ही उन्हें पेले जैसे दिग्गज फुटबॉलर के खिलाफ खेलना सिखाया और वो स्टार बनाया जो वो बनना चाहते थे। उन्होंने हमें वो सिखाया जो किसी और ने नहीं सिखाया। एक खिलाड़ी और कोच के तौर पर प्रदीप दा का भारतीय फुटबाल में योगदान अतुलनीय है और मुझे इस बात को कहने की जरूरत नहीं है। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। मैं नहीं जानता कि इस समय क्या कहूं। हां, यह होना था लेकिन यह वो नुकसान है जिसक बयां शब्दों में नहीं किया जा सकता। मेरे पास उनकी कई यादें हैं।
बनर्जी ने भारत के लिए 36 आधिकारिक मैच खेले थे
बनर्जी, मोहन बागान की उस टीम के कोच थे जिसने पेले की टीम न्यू यार्क कोस्मोस को 2-2 से ड्रॉ पर रोक दिया था। सुब्रता उस मोहन बागान टीम के कप्तान थे। इस टीम में शिबाजी बनर्जी, प्रसून बनर्जी, गौतम सरकार, बिदेश बोस, श्याम थापा और प्रदीप चौधरी थे। बनर्जी ने भारत के लिए 36 आधिकारिक मैच खेले थे और कुल 19 गोल किए थे। वह अर्जुन अवार्ड जीतने वाले भारत के पहले फुटबॉल खिलाड़ी भी थे।