IND Vs ZIM T20 Series: हेनरी ओलोंगा....वो गेंदबाज जिसने भारत के जबड़े से छीन ली थी जीत
- पांच टी-20 मैचों की सीरीज के लिए जिम्बाब्वे दौरे पर टीम इंडिया
- दोनों टीमों के बीच हुईं यादगार भिड़ंत
- ओलोंगा के करिश्माई ओवर से जीता हुआ मैच हारा भारत
डिजिट डेस्क, भोपाल। भारतीय क्रिकेट टीम पांच टी-20 मैचों की सीरीज खेलने के लिए इस समय जिम्बाब्वे के दौरे पर है। दोनों टीमों के बीच इस सीरीज की शुरूआत 6 जुलाई से हो गई है। दोनों देशों के बीच अभी तक वैसे तो कई यादगार मैच हुए हैं। लेकिन, 1999 वर्ल्डकप का वो मैच कोई शायद ही भूले, जिसमें जिम्बाब्वे की टीम ने सभी को चौंकाते हुए भारत को पटखनी दी थी। मैच में जिम्बाब्वे की जीत के हीरो थे तेज गेंदबाज हेनरी ओलोंगा। उस दौर का शायद ही कोई क्रिकेट फैन होगा जिसे 'ओलोंगा' का नाम नहीं रटाया होगा।
जिम्बाब्वे ने भारत के विश्वकप अभियान को दिया था झटका
वर्ल्डकप 1999 के ग्रुप स्टेज के पहले मैच में साउथ अफ्रीका के हाथों हारने के बाद टीम इंडिया को अगले मैच में जीत हासिल करना जरुरी था। क्योंकि इस ग्रुप में इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी मजबूत टीमें भी थीं। उस समय जिम्बाब्वे की टीम आज की तरह कमजोर नहीं बल्कि मजबूत थी। टीम में एंडी फ्लावर, ग्रांट फ्लावर, हीथ स्ट्रिक, एलेस्टर कैंपबेल और हेनरी ओलोंगा जैसे शानदार खिलाड़ी हुआ करते थे। वहीं भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर इस मैच में अनुपस्थित थे। वह अपने पिता का देहांत हो जाने के कारण स्वदेश लौट आए थे।
ऐसा रहा था मैच
मैच की शुरूआत में भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने छोटी-छोटी साझेदारियां कर टीम का स्कोर 252 रन के फाइटिंग टोटल तक पहुंचा दिया। टीम के लिए ग्रांट फ्लावर (45), एंडी फ्लावर (68) ने छोटी मगर उपयोगी पारियां खेलीं।
ओलोंगा ने छीनी भारत से जीत
253 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने ठीकठाक शुरूआत की। सदगोपन रमेश (55), अजय जडेजा (43), रॉबिन सिंह (35) और नयन मोंगिया (28) की पारियों की बदौलत टीम टारगेट के करीब भी पहुंच गई। टीम को दो ओवर में 9 रनों की जरुरत थी। तभी जिम्बाब्वे के कप्तान ने बॉल हेनरी ओलोंगा को थमाई।
ओलोंगा ने अपनी पहली ही गेंद पर 2 रन दिए। लेकिन, अगली ही बॉल पर उन्होंने भारतीय मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाले रॉबिन सिंह को आउट कर दिया। इसके बाद अगली दो गेंदों पर भारतीय खिलाड़ियों ने 3 रन बना लिए। अब भारत को आठ गेंदों पर जीत के लिए केवल 4 रन की दरकार थी। बैटिंग कर रहे जवागल श्रीनाथ ओलंगा की बॉल को समझ नहीं पाए और अपना स्टम्प उड़वा बैठे। इसके बाद ओलोंगा ने अपनी अगली बॉल पर वेंकटेश प्रसाद को भी पवेलियन रवाना करा दिया। इस तरह अपने करिश्माई ओवर से ओलोंगा ने जिम्बाब्वे को ऐतिहासिक और कभी न भूलने वाली जीत दिलाई।