मंडे पॉजिटिव: गांव में पली-बढ़ी निधि एमपी के लिए लाईं राष्ट्रीय सौगात

  • शौकिया मेकओवर आर्टिस्ट से सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट बन चुकी हैं।
  • सेलेब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड ससुराल में रहते मिला।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-09 13:59 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना।  जब- जब हम रोए सिर पर हाथ मिला उनका, जब भी हम खोए तब-तब साथ मिला उनका...तेजी से टूटते संयुक्त परिवारों में जब रिश्ते कांच की तरह दरक कर किर्चे-किर्चे बिखर रहे हों,वक्त के ऐसे नाजुक दौर में एक मेकअप आर्टिस्ट निधि पांडेय की कामयाबी बहू-बेटियों के लिए किसी नजीर से कम नहीं।

बड़ी बात यह है कि उन्हें सेलेब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड ससुराल में रहते मिला। हाल ही में यूपी की राजधानी लखनऊ में बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा अमीषा पटेल ने निधि पांडेय को इंडिया के इस मोस्ट प्रेस्टीजियस अवार्ड से नवाजा।

रामपुर बघेलान ब्लाक के एक छोटे से गांव खुटहा में एक सामान्य कृषक सुखनंदन तिवारी के घर जन्मीं, गांव के ही सरकारी प्राथमिक स्कूल में पली-बढ़ीं निधि वस्तुत: लक्ष्य के प्रति निष्ठा, परिश्रम, सूझबूझ और फैमिली सपोर्ट की दम पर निधि पांडेय अब शौकिया मेकओवर आर्टिस्ट से सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट बन चुकी हैं।

टाइम कम और टॉरगेट था बड़ा:

साहिल फाउंडेशन ट्रस्ट के राष्ट्रीय मेकअप आर्टिस्ट कम्पटीशन में सतना की निधि ने महज ४० मिनट की टाइम लिमिट पर क्रिश्चियन ब्राइडल का डिफरेंट लुक देकर कर निर्णायक मंडल का दिल जीत लिया और इस तरह सेलेब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड हासिल करने वाली वह मध्यप्रदेश की पहली मेकअप आर्टिस्ट बन गईं। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय वह सास मुन्नी पांडेय, ससुर वीरेंद्र पांडेय, जेठ शैलेंद्र पांडेय, जेठानी माधुरी,ननद दीपा और ननदोई आनंद पाठक और पति संजीव को देती हैं।

१७ वर्ष की उम्र में छूट गया था मां का साथ:

जब वह सिर्फ १७ वर्ष की थीं। मां प्रतिभा का साथ छूट गया। एक किशोर बेटी के लिए अकेलेपन का इससे बड़ा सदमा और क्या हो सकता था? मगर, एक वर्ष बाद जब वह बैरिहा के वीरेंद्र पांडेय की बहू बन कर आईं तो उनकी यह कमी भी पूरी हो गई। बतौर मां उनकी सास मुन्नी पांडेय का हाथ उनके सिर पर था। छोटी बहू की अप्रत्याशित उपलब्धि पर विशुद्ध गृहिणी मुन्नी पांडेय की खुशी का पारावार नहीं है।

वह कहती हैं, उनकी दोनों बहुएं बेटी के समान हैं। असल में निधि की मां और सास आपस में अच्छी सहेली थीं। दोनों की पहली मुलाकात पहले कभी रामपुर बघेलान के बाजार में इत्तेफाकन हुई थी। मां के नहीं रहने के बाद यही दोस्ती अंतत: रिश्ते में बदल गई। १८ वर्ष की उम्र में निधि जब मायके से ससुराल आईं तब वह बीए (सीएस) के फर्स्ट ईयर में थीं। आगे की पढ़ाई के लिए फैमिली सपोर्ट इस कदर था कि उन्होंने घूंघट की ओट में कैरियर के सपने बुने। बीएड की भी डिग्री ली।

जहां चाह,वहां राह: तेरा तुझको अर्पण:

बकौल निधि, मेकअप और मेकओवर के प्रति उनमें छुटपन से ही रुझान था। ससुराल में रहते हुए भी उनका यही आकर्षण उन्हें सीएसआर के अंतर्गत संचालित प्रिज्म जॉनसन के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम तक ले गया।

यहीं से उन्होंने ब्यूटीशियन का ३ माह का नि:शुल्क कोर्स किया। महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रिज्म जॉनसन के इस सामाजिक उत्तरदायित्व को निधि अपनी कामयाबी में मील का पत्थर मानती हैं। वह जरूरतमंद इच्छुक- महिलाओं एवं बालिकाओं को नि: शुल्क प्रशिक्षण देती हैं। उनका मानना है इसमें बेहतर कैरियर की अपार संभावनाएं हैं।

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