सतना: विधि-विधायी के बाद कोर्ट ने भी नामंजूर की अभियोजन की मांग
- डिप्टी कलेक्टर को आरोपी बनाए जाने की मांग को कोर्ट ने सुनवाई के बाद नामंजूर कर दिया।
- अदालत द्वारा पारित आदेशों का हवाला देते हुए अभियोजन का आवेदन नामंजूर कर दिया है।
डिजिटल डेस्क,सतना। अदालत में विचाराधीन छल-कपट के एक मामले में तत्कालीन रामपुर तहसीलदार और सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर को आरोपी बनाए जाने की मांग को कोर्ट ने सुनवाई के बाद नामंजूर कर दिया।
चतुर्थ अपर सत्र अदालत ने विधि-विधायी और पूर्व में अदालत द्वारा निरस्त किए गए आवेदन का हवाला देते हुए पुन: सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर सुरेश गुप्ता को आरोपी बनाए जाने का अभियोजन का आवेदन निरस्त किया है। मामले में सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर की ओर से अधिवक्ता अशोक सिंह ने पक्ष रखा।
ये है मामला
रामपुर बाघेलान तहसील अंतर्गत अवैधानिक तौर पर किसी अन्य की जमीन राजस्व रिकार्ड के सहारे बेचने का प्रयास करने के मामले में पटवारी समेत 4 आरोपियों के विरूद्ध रामपुर थाना पुलिस ने 420, 467, 468, 471 का प्रकरण पेश किया था।
थाना पुलिस ने विधि-विधायी विभाग द्वारा अभियोजन स्वीकृत नहीं मिलने का हवाला देते हुए तत्कालीन तहसीलदार का नाम आरोप पत्र से पृथक कर दिया था। इसी मामले में विचारण के दौरान अदालत में एजीपी ने करीब 2 वर्ष पूर्व तत्कालीन तहसीलदार को आरोपी बनाए जाने का आवेदन पेश किया था, जिसे अदालत ने सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया था।
अब इसी मामले पर पुन: एजीपी गिरिजेश पांडेय ने सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर सुरेश गुप्ता को आरोपी बनाए जाने की मांग अदालत से की थी, जिस पर अदालत ने आरोपी से जवाब तलब किया था।
अदालत ने उभय पक्ष के प्रस्तुत तर्क और आरोपी के द्वारा प्रस्तुत जवाब तथा प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन कर विधि-विधायी विभाग भोपाल और पूर्व में अदालत द्वारा पारित आदेशों का हवाला देते हुए अभियोजन का आवेदन नामंजूर कर दिया है।