चुनावी अखाड़ा: विधानसभा चुनाव : किसान की पिच पर छत्तीसगढ़ की सियासत

  • कांग्रेस की दर्जनभर घोषणाएं बनी भाजपा के लिए चुनौती
  • किसान पर दांव लगाकर प्रधान बनने की कोशिश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-31 07:14 GMT

राजनांदगांव से संजय देशमुख । छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की एक के बाद एक लुभावनी घोषणाएं भाजपा के लिए चुनौती बनती जा रही हैं। चुनाव का रुख लोकल मुद्दों और बुनियादी सुविधाओं की बजाए घोषणाबाजी पर टिका हुआ है। कांग्रेस ने किसान, मजदूर और जरुरतमंदों को सत्ता वापसी का केन्द्र बनाया है। किसान पर दांव खेलकर प्रधान बनने की रणनीति अपनायी जा रही है। कुल मिलाकर किसान की पिच पर छत्तीसगढ़ की सियासत खेली जा रही है। विस की 90 सीटों में से पहले चरण में बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की 8 ऐसी 20 सीटों पर 7 नवंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। इन 20 सीटों में सबसे हाईप्रोफाइल सीट राजनांदगाव से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बालसखा कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन के बीच कांटे की टक्कर है। राज्य के लिए इस सीट का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है राजनांदगांव को केंद्र में रखते हुए इससे सटे हुए दो विधानसभा क्षेत्रों में पिछले तीन में से राहुल गांधी ने दो, प्रियंका गांधी ने एक और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने राजनांदगांव, कवर्धा-खैरागढ़ में प्रचार रैली की।

मतदाताओं को 2018 में शिफ्ट करने की कोशिश : मतदान को एक हफ्ते का समय बचा है। कांग्रेस मतदाताओं को 2018 के चुनाव में किए गए वादों पर शिफ्ट करना चाहती है। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में ‘कर्जमाफ-बिजली बिल हाफ’ का नारा दिया था। कैबिनेट की पहली बैठक में ही दोनों वादों पर मुहर लग गई थी। कांग्रेस के जगह-जगह पोस्टर लगे हैं, जिसमें लिखा है ‘ भूपेश है तो भरोसा है’। डा.रमन सिंह पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि वर्ष 2018 में किसानों को आखरी दो वर्ष का धान का बोनस नहीं देने से उनकी सरकार की हार हुई थी। कांग्रेस इस बार भी दोबारा सत्ता पाने ‘रेवड़ी कल्चर’ को बढ़ावा दे रही है।

कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक : कांग्रेस और भाजपा ने अब तक अपने घोषणापत्र जारी नहीं किए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्जमाफी का आश्वासन देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। रोजाना हो रही लच्छेदार घोषणाओं का भाजपा के पास फिलहाल कोई तोड़ नजर नहीं आ रहा। कांग्रेस ने जातिगत गणना, साढ़े सत्रह लाख लोगों को आवास, कर्ज माफ, बिजली बिल हाफ, किसानों को 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान और 3000 रु. प्रति एकड़ से खरीदने की गारंटी दी है। छत्तीसगढ़ महतारी न्याय योजना के तहत गैस सिलेंडर रिफिल करने पर 500 रुपए की सब्सिडी, महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह का कर्ज माफ जैसी प्रमुख योजनाओं की भी घोषणा की जा चुकी है। साथ ही कांग्रेस पहले से ही बेरोजगारों को 2500 रुपए भत्ता और 35 किलो चावल दे ही रही है।

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