छत्तीसगढ़ से नसबंदी कराने आए बैगा, कागजात की कमी से हुए वापस
छत्तीसगढ़ से नसबंदी कराने आए बैगा, कागजात की कमी से हुए वापस
डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। जिले में नशबंदी शिविर सभी विकासखण्डों में आयोजित किए जा रहे है जहां जिले के ही नहीं अपितु छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में नशबंदी व टीटी ऑपरेशन कराने के लिए महिला-पुरूष पहुंच रहे है। बताया जाता है कि बिलासपुर काण्ड के बाद छत्तीसगढ़ में टीटी ऑपरेशन नहीं किए जा रहे है जिसके कारण छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में महिला-पुरूष समीपस्थ स्वास्थ्य केन्द्र डिण्डौरी, बजाग और समनापुर पहुंच रहे है। बताया जाता है कि सोमवार को आयोजित शिविर के दौरान यहां अनेक बैगाओं को बैरंग वापस जाना पड़ा। जिसकी मुख्य वजह राष्ट्रीय मानव के लिए सरकार द्वारा दिए गए नियम निर्देश आड़े आए है। जहां नियमत: बैगाओं की नशबंदी या टीटी ऑपरेशन के लिए सीईओ की अनुमति आवश्यक होती है वह न होने के कारण समनापुर में उन्हें वापस लौटना पड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं एक सी है और कहीं भी कोई नियम लागू नहीं है, लेकिन बैगाओं के लिए जो निर्देश मिले है उसके तहत उनकी नशबंदी या किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए सीईओ की अनुमति आवश्यक होती है। जिसके चलते यहां नशबंदी नहीं की गई। हुए 96 ऑपरेशन- जिला मुख्यालय में टीटी ऑपरेशन के लिए सुबह से ही महिलाओं की खासी भीड़ जिला चिकित्सालय में मौजूद रही। जहां पर तीन शिफ्टों में 96 टीटी ऑपरेशन किए गए है। तदाशय के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन एके श्रीवास्तव ने बताया कि नशबंदी ऑपरेशन के लिए जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिला-पुरूष पहुंच रहे है। जिनका पंजीयन कर उनके ऑपरेशन किए जा रहे है। इसके तहत सोमवार को 96 ऑपरेशन किए गए। अनियमितता के आरोप- जिला मुख्यालय में लगे कैम्प के दौरान अनियमितता के आरोप भी लगाए गए है। जहां देवरी माल निवासी कमलेश दास टांडिया ने बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी जयंती बाई पति छोटू दास टांडिया का ऑपरेशन होना था, लेकिन यहां ऑपरेशन थियेटर महिला को ले जाया गया, और वहां उसे एनिसथीसिया का इंजेक्शन भी दे दिया गया। जहां महिला के बेहोश होने के बाद उसका ऑपरेशन नहीं किया गया और उसे बैरंग वापस कर दिया गया। जिसके कारण महिला की डिलेवरी कुछ माह पूर्व ऑपरेशन से किया जाना बताया है। जिस पर परिजनों ने अनियमितता के आरोप लगाए है और कहा है कि जब ऑपरेशन नहीं करना था तो फिर उसे बेहोशी का इंजेक्शन क्यों दिया गया। इस मामले की जांच की जाना चाहिए।
इनका कहना है
कैम्प में सभी लोगों के ऑपरेशन किए जा रहे है, लेकिन बैगाओं के लिए क्षेत्र के सीईओ से अनुमति आवश्यक होती है। जिसके कारण सोमवार को समनापुर स्वास्थ्य केन्द्र में बैगाओं के ऑपरेशन नहीं किए जा सके।
डॉ आर.के. मेहरा, सीएमएचओ जिला चिकित्सालय डिण्डौरी