खेतों में बर्बादी, तीन दिन बाद भी नहीं निकला पानी
छिंदवाड़ा खेतों में बर्बादी, तीन दिन बाद भी नहीं निकला पानी
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा.। तीन दिन पहले अचानक तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि से अंचल में रबी की फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ। तामिया के बम्हनी क्षेत्र में कोसमी, पिपरिया, पुरतला, चाखला और सिंगोड़ी के खेतों में तीन दिन बाद भी पानी भरा हुआ है। चने की फसल खेतों में बिछ गई है। धूप निकलते ही पौधे तेजी से सूखना शुरू हो गए हैं। अब राजस्व और कृषि विभाग के अमले ने कुछ गांवों में दस्तक देकर सर्वे शुरू किया है।
साल के पहले सप्ताह में मौसम ने अचानक करवट ली। रविवार को दोपहर बाद जिले के अधिकांश क्षेत्र में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। बारिश के कारण अधिकांश क्षेत्र में किसानों को राहत मिली तो वहीं तामिया के बम्हनी क्षेत्र, सौंसर के जोबनी क्षेत्र और हर्रई के बड़े हिस्से में झमाझम बारिश के साथ ओले से फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ। उमरेठ तहसील के शीलादेही व आसपास के गांवों में भी ओलावृष्टि हुई। राजस्व, कृषि और उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले ने गांवों में दौरा भी कर लिया। यहां के किसान राजस्व सर्वे के बाद मुआवजा की आस लगाए बैठे हैं।
चना गेहूं की फसल पूरी तरह चौपट
तामिया विकासखंड की कोसमी पंचायत के किसान सरस्वती यादव ने बताया कि ओलावृष्टि से बम्हनी क्षेत्र के कोसमी, पिपरिया, पुरतला, चाखला और सिंगोड़ी सहित अन्य गांवों में जबरदस्त नुकसान हुआ है। तीन दिन बाद भी खेतों में पानी भरा है। चने के पौधे टूट गए हैं। अब धूप निकलते ही फसल सूखने लगी है। रविवार को तहसीलदार और पटवारी आए थे। बम्हनी निवासी मदन लाल साहू के साढ़े पांच एकड़ खेत में चना फसल लगी है। लगभग दो एकड़ में अभी भी पानी भरा है। पूरे खेत में चने टूटकर बिखर गए है।
टमाटर के बगीचे तबाह हुए
उमरेठ तहसील अंतर्गत मुआरी निवासी लाखाजी पवार और थावरीदामोदर निवासी किसान काशीराम पवार ने बताया कि उनके खेत में लगा टमाटर का बगीचा पूरी तरह तबाह हो गया। इस क्षेत्र में ज्यादा बारिश से आलू की फसल को भी नुकसान हुआ है। किसानों ने फसलों का बीमा नहीं कराया है। बीते दिनों उद्यानिकी अधिकारियों ने निरीक्षण किया, किन्तु अब तक मुआवजा के प्रकरण तैयार नहीं हुए हैं। एसडीओ कृषि प्रमोद उट्टी कहते हैं कि उमरेठ तहसील क्षेत्र में बारिश से गेहूं चना की फसलों को फायदा हुआ है।
आंशिक नुकसान पर मुआवजे का प्रावधान नहीं
परासिया एसडीएम मनोज कुमार प्रजापति का कहना है कि परासिया अनुभाग की उमरेठ और परासिया तहसील के गांवों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को आंशिक नुकसान हुआ है। शासन की गाइडलाइन के अनुसान फसलों की आंशिक क्षति होने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है।
खरबूजा और अरहर हो गई चौपट
सौंसर के जोबनी क्षेत्र में ओलावृष्टि से खरबूजा फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है। जोबनी के किसान बबन बंसोड़ ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ में खरबूजा के बीज लगाए थे। पौधे अभी बेहद छोटे थे। ओलावृष्टि से सौ प्रतिशत पौधे खराब हो गए इससे उन्हें ६० हजार रुपए का नुकसान हुआ है। किसान सागर ढोमने ने बताया कि रविवार को तेज बारिश के साथ बेर के बराबर ओले गिरे। ओलावृष्टि से आठ एकड़ में लगी अरहर की फसल पूरी तरह चौपट हो गई।